ब्रिटेन के राजा चार्ल्स (Britain King Charles) के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा काफी विवादित रहा। दरअसल, चार्ल्स ने सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद में भाषण देना समाप्त ही किया था कि एक सीनेटर चिल्लाने लगी, “आप मेरे राजा नहीं हैं।” उन्होंने चार्ल्स विरोधी कई नारे लगाये। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने सीनेटर को कार्यक्रम स्थल से हटा दिया। सीनेटर की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में महिला को यह कहते हुए देखा जा सकता है, “आप मेरे राजा नहीं हैं! आपने हमसे जो चुराया है, उसे हमें वापस दो।” ब्रिटेन का राजा बनने के बाद चार्ल्स पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए हैं। उनके साथ क्वीन कैमिला पार्कर (Queen Camille Parker) भी हैं।
हाल में चीख पड़ीं सीनेटर लिडिया थोर्प- Australian senator Lidia Thorpe
सोमवार को, किंग चार्ल्स और रानी केमिली पार्कर ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा का दौरा किया, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ (Australia Prime Minister Anthony Albanese) सहित देश के नेताओं से मुलाक़ात की। राजा चार्ल्स ने कैनबरा में संसद भवन के ग्रेट हॉल में ऑस्ट्रेलियाई सांसदों और सीनेटरों को संबोधित किया। जैसे ही राजा चार्ल्स ने अपना भाषण समाप्त किया, विक्टोरिया की एक स्वदेशी सीनेटर लिडिया थोर्प, जो समारोह में अतिथि थीं, गलियारे से आगे बढ़ी और राजा पर चिल्लाने लगीं।
🇦🇺 🇬🇧👑Some said that the Senator is not fit to serve her country , as she was trying to make a name for herself !!
🚨Just in : an irritated Australian lawmaker Lidia Thorpe shouted at King Charles yelling ‘You are not my king’ !!
📸Credit : Kate Mansey
#KingCharles pic.twitter.com/EgdADmgZ1r
— Jinan Syria (@Jinan_Syria) October 21, 2024
राजशाही के विरोधी थोर्प ने राजा के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा, “यह आपकी ज़मीन नहीं है। आप मेरे राजा नहीं हैं।” जब सुरक्षा अधिकारी थोर्प को हॉल से बाहर ले जाने लगे, तो वह चिल्लाई, “आप मेरे राजा नहीं हैं। आपने हमारे लोगों का नरसंहार किया। हमें हमारी ज़मीन वापस दो। हमें वह सब दो जो आपने हमसे चुराया है। हमारी हड्डियाँ, हमारी खोपड़ी, हमारे बच्चे, हमारे लोग।” उन्होंने आगे कहा, ‘आपने हमारी जमीनें बर्बाद कर दी। हमें संधि दे दो। हम इस देश में संधि चाहते हैं।’
ये है विरोध की ऐतिहासिक वजह
सीनेटर लिडिया थोर्प को स्वदेशी अधिकारों के लिए मुखर अधिवक्ता और ऑस्ट्रेलिया में राजशाही के कट्टर विरोधी के रूप में जाना जाता है। वास्तव में, ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश बसने वालों ने देश भर में सैकड़ों स्वदेशी लोगों का नरसंहार किया, जो हाल ही में 1930 के दशक तक चला। स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई अभी भी नस्लवाद का सामना करते हैं।
मूलनिवासियों से आज भी भेदभाव
ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी लोगों ने कभी भी अपनी संप्रभुता नहीं छोड़ी या ब्रिटिश क्राउन के साथ संधि-निर्माण प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए, भले ही देश पर अंग्रेजों का कब्ज़ा था। ब्रिटिश सम्राट अभी भी ऑस्ट्रेलिया में राज्य के प्रमुख का पद रखता है, जो अभी भी एक राष्ट्रमंडल राष्ट्र है। थोरपे ने लंबे समय से संधि की वकालत की है और ब्रिटिश राजशाही के विरोधी हैं। थोरपे ने 2022 में अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उस समय ऑस्ट्रेलियाई राज्य प्रमुख को “औपनिवेशिक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय” (Colonial Queen Elizabeth II) के रूप में संदर्भित किया। फिर उनसे एक बार फिर शपथ लेने का अनुरोध किया गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो गुटों में विभाजन हो गया। एक पक्ष सीनेटर लिडिया थोर्प की टिप्पणी से सहमत है और मानता है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सही था, जबकि दूसरे पक्ष का मानना है कि ब्रिटेन के राजा चार्ल्स का इस तरह से अपमान करना सही नहीं था। कुछ लोगों ने तो राजा चार्ल्स को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें उनके पूर्वजों द्वारा किए गए कर्मों की सजा मिल रही है।
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