American Aircraft F-35: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अत्याधुनिक एफ-35 फाइटर जेट देने की पेशकश की। यह विमान दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके साथ हुई दुर्घटनाओं और तकनीकी खामियों ने इस पर कई सवाल खड़े किए हैं।
एफ-35: एक महंगा लेकिन विवादास्पद फाइटर जेट- American Aircraft F-35
एफ-35 को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है। यह एक सिंगल-इंजन, सिंगल-सीट स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे हवा से हवा में युद्ध, हवा से जमीन पर हमला और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए डिजाइन किया गया है।
हालांकि, इस विमान की कीमत और रखरखाव खर्च बहुत अधिक है। इसके अलावा, 2018 से अब तक 12 एफ-35 दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। हाल ही में, नवंबर 2024 में, अमेरिका के अलास्का एयरफोर्स बेस पर एक एफ-35 क्रैश हो गया था, हालांकि पायलट सुरक्षित बच गए थे।
एलन मस्क की आलोचना: एफ-35 को बताया बेकार
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेक उद्योग के दिग्गज एलन मस्क भी एफ-35 की आलोचना कर चुके हैं। उनके पुराने ट्वीट्स अब फिर से वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने कहा था:
The F-35 design was broken at the requirements level, because it was required to be too many things to too many people.
This made it an expensive & complex jack of all trades, master of none. Success was never in the set of possible outcomes.
And manned fighter jets are… https://t.co/t6EYLWNegI
— Elon Musk (@elonmusk) November 25, 2024
- “कुछ बेवकूफ अभी भी मानवयुक्त लड़ाकू जेट बना रहे हैं, जबकि ड्रोन टेक्नोलॉजी बेहतर विकल्प है।”
- “एफ-35 का डिज़ाइन खराब है, यह बहुत महंगा है और किसी भी क्षेत्र में महारत नहीं रखता। यह इतिहास का सबसे खराब सैन्य निवेश है।”
डोनाल्ड ट्रंप का बयान: भारत को एफ-35 देने की योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा। ट्रंप ने कहा, “इस वर्ष से हम भारत को कई अरब डॉलर की सैन्य बिक्री बढ़ाएंगे और एफ-35 विमान की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त करेंगे।”
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद: टैरिफ पॉलिसी
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को लेकर भी चर्चा हुई। ट्रंप प्रशासन ने भारत समेत कई देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लागू कर दिया। इसका मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढ़ाता है, तो अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
टैरिफ क्या होता है?
टैरिफ यानी आयात शुल्क किसी भी देश द्वारा अपने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए लगाया जाता है। यह किसी उत्पाद की कीमत को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए:
- अगर किसी वस्तु की कीमत 100 है और उस पर 10% टैरिफ लगता है, तो उसकी कीमत 110 हो जाएगी।
- टैरिफ अप्रत्यक्ष कर होता है, जिसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
क्या भारत वास्तव में ‘टैरिफ किंग’ है?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाने का आरोप लगाते हुए उसे ‘टैरिफ किंग’ कहा। लेकिन ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अमेरिका खुद कई उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाता है। उदाहरण के लिए:
- अमेरिका में डेयरी उत्पादों पर 188%
- फल और सब्जियों पर 132%
- अनाज और फूड प्रोडक्ट्स पर 193%
- तंबाकू पर 150% टैरिफ लगाया जाता है।
डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुरूप भारत का टैरिफ
भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत टैरिफ लागू करता है, जबकि अमेरिका कई बार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करता है।
पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा रक्षा और व्यापार दोनों पहलुओं से महत्वपूर्ण रहा। एफ-35 को लेकर भारत को सावधानीपूर्वक निर्णय लेना होगा, खासकर जब एलन मस्क और अन्य विशेषज्ञ इसकी आलोचना कर चुके हैं। वहीं, भारत-अमेरिका व्यापार विवाद को भी हल करने की आवश्यकता है, ताकि दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत हो सकें।