भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक रिश्ते काफी पुराने कहे जाते हैं। साउथ ईस्ट एशिया में बसे छोटे से देश वियतनाम में पहले भी चौथी से लेकर 13वीं शताब्दी की बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म से जुड़ी कलाकृतियां पहले भी मिलती रही हैं। लेकिन अभी हाल ही में खुदाई करने पर यहां बलुआ पत्थर का विशाल शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी है। उन्होने साथ में इसकी तस्वीरें भी शेयर की हैं।
एएसआई को मिला शिवलिंग
आश्चर्य की बात तो ये है कि ये शिवलिंग वियतनाम के माई सोन मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान एएसआई को मिला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) गत बुदवार को एक संरक्षण परियोजना की खुदाई कर रही थी जिस दौरान उन्हें 9वीं शताब्दी का विशाल शिवलिंग मिला। ये बलुआ पत्थर से निर्मित है और खुदाई के दौरान इसे कोई हानि नहीं पहुंची है।
विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
इस खोज पर एएसआई की प्रशंसा करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि 9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग वियतनाम के मई सन मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की नवीनतम खोज है। एएसआई की टीम को बधाई ।’
चंपा के राजाओं ने कराया था निर्माण
वियतनाम स्थित ‘माई सन मंदिर’ पर हिन्दू प्रभाव है और यहां कृष्ण, विष्णु तथा शिव की मूर्तियां हैं। यह परित्यक्त और आंशिक रूप से ध्वस्त हिन्दू मंदिर हैं। इनका निर्माण चंपा के राजाओं ने चौथी से 14वीं शताब्दी के बीच कराया था। मंदिर परिसर मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत के दुय फू गांव के पास स्थित है। मंदिर परिसर करीब दो किलोमीटर लंबी-चौड़ी घाटी में स्थित है जो दो पहाड़ों से घिरा हुआ है।
हिंदू राज्य था चंपा
वियतनाम का चंपा क्षेत्र प्राचीन काल में हिंदू राज्य और हिंदू धर्म का गढ़ था। यहां स्थानीय समुदाय चम का शासन दूसरी शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक रहा था। चम समुदाय में ज्यादातर लोग हिंदू थे, लेकिन आगे चलकर इस समुदाय के कई लोगों ने बौद्ध और इस्लाम धर्म को अपना लिया। वियतनाम वॉर के दौरान एक सप्ताह में ही अमेरिका की बमबारी ने इस परिसर को बड़े पैमाने पर नुकासन पहुंचा था। इस दौरान यह मंदिर परिसर लगभग तबाह हो गया था।