भीषण गर्मी के बीच भी लाखों की संख्या में हज यात्री हज यात्रा के लिए सऊदी अरब के मक्का और मदीना आ रहे हैं। इस बीच हालात ये हो गए हैं कि मक्का में गर्मी के कारण कुल 900 हज यात्रियों की मौत हो गई है। इनमें से 323 मिस्र के हैं। वहीं 90 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इन सभी यात्रियों की मौत के लिए भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान को जिम्मेदार ठहराया गया है। मक्का में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस साल करीब 18 लाख लोगों ने हज में हिस्सा लिया था। बड़ी संख्या में हाजियों की मौत के पीछे मुख्य वजह बिना परमिट के आ रहे यात्री, अव्यवस्था और बुजुर्गों का भीषण गर्मी बर्दाश्त न कर पाना है।
सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेटेरोलॉजी के अनुसार मक्का के आसपास के पवित्र स्थलों में चिलचिलाती धूप और दमघोंटू गर्मी पड़ रही है। 50 के आसपास का पारा खासकर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के लिए असहनीय हो रहा है और वे गर्मी के कारण बेहोश हो रहे हैं। तीर्थयात्रियों के लापता होने और उन्हें उचित स्थान और उपचार न मिलने का बड़ा कारण वे लोग भी हैं जो बिना पंजीकरण के आए हैं। ऐसे लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली एयर कंडीशनिंग सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण वे अधिक बीमार हो रहे हैं।
तेज गर्मी में अव्यवस्था ने किया हाल बेहाल
गर्मी के अलावा इस साल हज के दौरान भारतीय हज यात्रियों को अव्यवस्था का भी सामना करना पड़ा है। इससे स्थिति और खराब हो गई। बड़ी संख्या में भारतीयों ने हज कमेटी ऑफ इंडिया (HCI) के अधिकारियों द्वारा कुप्रबंधन की शिकायत की है। तेलंगाना के एक तीर्थयात्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि हमारे साथ भिखारियों से भी बदतर व्यवहार किया गया। यह भारतीय हज कमेटी की विफलता है, जो हाजियों की देखभाल के लिए जिम्मेदार है। ऐसी खबरें हैं कि 80 से 100 तीर्थयात्रियों के रहने की जगह वाले टेंट में 200 तक हाजियों को रखा गया था। इस बार सिर्फ भारतीयों को ही परेशानी नहीं हुई बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की के तीर्थयात्रियों को भी ऐसी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
मंगलवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काहिरा हज के दौरान लापता मिस्रियों की तलाश के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जबकि मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कुछ निश्चित संख्या में मौतें हुई हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनमें मिस्र के लोग शामिल हैं या नहीं। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि गर्मी से पीड़ित 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का इलाज किया गया है, लेकिन रविवार से इस आंकड़े को अपडेट नहीं किया है और मौतों के बारे में विवरण नहीं दिया है।