जानिए बजट से जुडी कुछ खास और रोचक बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को 11:00 सांसद में साल 2023 -2024 के बजट पेश किया है और बार केवल भारत के ही नहीं पूरे विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं, इस बजट की खास बात यह रही है कि भारतीय इतिहास में आज के पहले इतना लम्बा बजट भाषण किसी के नहीं दियाऔर आपको ये जानकार भी हैरानी होगी कि जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी ऐसे प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में आते है जिन्होंने वित्त मंत्री के बजाए खुद देश का आम बजट पेश किया है.वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको बजट से जुडी कुछ खास और रोचक बातें बताने जा रहे हैं.
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1. अब तक मोरारजी देसाई ने देश का सबसे ज्यादा 10 बार आम बजट पेश किया है. इसके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार, प्रणब मुखर्जी ने भी 9 बार, यशवंत राव चह्वाण ने 7 बार, सीडी देशमुख ने 7 बार, यशवंत सिन्हा ने 7 बार, मनमोहन सिंह ने 6 बार और टीटी कृष्णमाचारी ने भी 6 बार आम बजट पेश किया.
2. साल 2018 तक वित्त मंत्री बजट से सम्बंधित दस्तावेज को ब्रीफकेस (Budget Briefcases) में लाते थे. साल 2019 में निर्मला सीतारमण एक फाइल में बजट दस्तावेज लेकर आईं, जिसे बही-खाता (khata book) कहा जाता है. इस बही-खाते पर देश का राष्ट्रीय प्रतीक बना है इसके बाद निर्मला सीतारमण ने 2020 में एक टैबलेट (budget in tablet) से बजट भाषण पढ़ा था, जिसे देश में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के प्रतीक के रूप में देखा गया.
3. 26 नवंबर, 1947 को वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) ने हमारे देश का पहला बजट पेश किया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं. केंद्रीय बजट देने वाली दूसरी महिला निर्मला सीतारमण हैं.
4. देश के सबसे लंबे और सबसे छोटे आम बजट की चर्चा करें, तो निर्मला सीतारमण का 2020 में पेश 2 घंटे 40 मिनट का बजट भाषण अब तक का सबसे लंबा बजट था. वहीं, 1977 में एच एम पटेल (H M Patel) ने मात्र 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था.
5. साल 1973-1974 के बजट को ‘ब्लैक बजट’ (black budget) कहा गया है, क्योंकि ये 550 करोड़ के घाटे का बजट था. जिसे वित्त मंत्री यशवंतराव बी. चौहान (Finance Minister Yashwantrao B. Chauhan) ने पेश किया था. दरसअल, उस समय 550 करोड़ अधिकतम बजट घाटा था.
6. साल 1955 तक केंद्रीय बजट सिर्फ अंग्रेजी में दिया जाता था, इसके बाद केंद्र सरकार ने बजट दस्तावेजों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में प्रिंट करने का फैसला लिया था. इसके बाद आम लोगों ने भी इसमें रूचि लेनी शुरू की.
7. देश में पहले रेल विभाग का बजट अलग से पेश किया जाता था लेकिन अब सारे बजट एक साथ पेश किये जाते हैं, जिसकी शुरुआत अंग्रेजों ने साल 1924 में की थी. रेल बजट और केंद्रीय बजट को उस बिंदु से साल 2016 तक अलग-अलग पेश किया गया, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) साल 2017 में केंद्रीय बजट को रेल बजट के साथ जोड़ने का विचार सामने लाए. अरुण जेटली ने 2017 में ही पहला संयुक्त केंद्रीय बजट पेश किया था.
8. देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह (Manmohan Singh)ने साल 1991-1992 में ‘द एपोचल बजट’ (The epochal budget) के रूप में जाना जाने वाला एक केंद्रीय बजट पेश किया था. इसे अभी तक भारत को स्थायी रूप से बदलने के रूप में देखा जाता है. इस बजट ने देश के आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की थी.
9. केंद्रीय बजट पहले शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने साल 1999 में बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun jaitley) ने बजट पेश करने की तारीख 2017 में उसी समय 1 फरवरी कर दी थी. साल 1950 तक राष्ट्रपति भवन में बजट छपता था. इस वर्ष बजट उल्लंघन के कारण मुद्रण स्थान को स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद बजट की छपाई मिंटो रोड, नई दिल्ली में शुरू हुई थी.
10. बजट पेश होने से कुछ दिन पहले होने वाली रस्म के दौरान वित्त मंत्री हलवे (Halwa ceremony) के एक बड़े बर्तन को हिलाते हैं. देश आजाद होने के बाद से अब तक कुल 74 वार्षिक बजट पेश किए जा चुके हैं। इसके अलावा 14 अंतरिम बजट, चार विशेष बजट या लघु बजट पेश किए जा चुके हैं.