सेंट स्टीफंस कॉलेज में माली का बेटा बना स्टूडेंट्स यूनियन का प्रेज़िडेंट
दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज (St. Stephen College) के स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी (Students Union Society) के नया अध्यक्ष बना है. वहीं इस कॉलेज में जो स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी के नया अध्यक्ष बना है उसका नाम पंकज यादव है और उसके बाद पिता यहाँ पर माली हैं. वहीं इस बीच पंकज ने बताया है कि इस कॉलेज से मेरा गहरा नाता है.
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कॉलेज के माली के बेटे हैं पंकज
पंकज सरकारी स्कूल से पढ़ें हैं और सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस सब्जेक्ट्स में बीए कर रहे हैं। पंकज ने बताया कि उनका परिवार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है। पहले उनके दादा इसी कालेज में माली की नौकरी करते थे। दादा के बाद उनके पिता हरीश कुमार को भी माली की नौकरी मिल गई। वर्ष 2007 में उनके पिता ने परिवार को भी दिल्ली बुला लिया और पिता की इस नौकरी की वजह से उन्हें वॉर्ड कोटे से यहाँ पर एडमिशन मिला है. वहीं उन्होंने “माली का बेटा माली ही बनेगा” इस धारणा को बदलने के लिए कालेज में पढ़ाई के साथ दूसरी गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया और चुनाव लड़ा. वहीं उन्होंने बताया कि वो भाई की तरह कॉलेज यूनियन का चुनाव भी लड़ना चाहते थे ताकि स्टूडेंट्स की समस्याएं उठा सकें जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ा और अब स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी के हेड बन गये हैं.
पंकज यादव का इस कॉलेज से है गहरा नाता
बीए स्टूडेंट पंकज यादव और उनका इस कॉलेज से अनोखा नाता है। पंकज के पिता इस कॉलेज में माली और इससे पहले उसके दादा यहां पर माली थे. इसी के साथ उसके भाई ने भी यहीं से पढ़ाई की और वो भी यहां पर पढाई कर रहे हैं. इसी के साथ जहाँ बड़े भाई भी 2015 में चुनाव जीतकर स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी के हेड बने थे और अब वे भी स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी हेड बन गए हैं.
‘चार महीने स्टूडेंट्स के नाम’
2022-23 सेशन लेट हुआ है, तो पंकज का कार्यकाल काफी छोटा रहेगा। पंकज कहते हैं, कोविड और सीयूईटी के कारण सेशन लेट शुरू हुआ, अगस्त में होने वाला चुनाव जनवरी में हुआ है, तो कॉलेज में और इस पोस्ट पर चार महीने ही बचे हैं, जिसे मैं स्टूडेंट्स के मुद्दों के नाम करना चाहता हूं। जितना हो सके, उससे ज्यादा करने की कोशिश करूंगा। मसलन, लाइब्रेरी में पढ़ने का टाइम 5 बजे के बजाय 8 बजे हो सके, दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए सुविधाएं बढ़ाने, फेस्ट नहीं हुए हैं, इनके आयोजन जैसे मुद्दों को लेकर काम करना है।
फिजिकल एजुकेशन टीचर बनने की है इच्छा
वहीं पंकज ने बताया कि वो बचपन से क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वो क्रिकेटर बनने के लिए एक उम्र पार कर चुके हैं. वहीं अब पैशन कहीं खोए ना, इसलिए मैं फिजिकल एजुकेशन टीचर बनने की राह पर काम करूंगा और इस समय वो कॉलेज की क्रिकेट टीम में रहकर अब भी खेल रहा हूं.
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