हमारे देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर और उनके विचारों को आज भी दुनिया याद करती हैं। बाबा साहेब जिंदगीभर दलितों और पिछड़े लोगों के लिए अपनी आवाज उठाते रहे। चाहे वो पानी पीने का हक दिलाना हो या फिर मंदिरों में दलितों को प्रवेश कराना…छुआछूत के खिलाफ अंबेडकर ने लंबी लड़ाई लड़ी। अंबेडकर और उनके विचारों को आज भी पूरी दुनिया सलाम करती हैं। 14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती होती हैं। इस खास मौके पर आइए जान लेते हैं महान शख्सियत के कुछ अद्भूत विचार, जो आपको बहुत जिंदगी जीने का तरीका सिखाएंगे…
50+ Ambedkar Quotes: बाबा साहेब अंबेडकर के वो अद्भुत विचार, जो बदल देंगे आपकी जिंदगी!
1. मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।
2. मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।
3. वो इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं।
4. एक महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वो समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।
5. संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि ये जीवन का एक माध्यम है।
6. मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं।
7. जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वो सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
8. ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते हैं, जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते हैं।
9. धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
10. हमें अपने पैरों पर खड़े होना है, अपने अधिकार के लिए लड़ना है, तो अपनी ताकत और बल को पहचानो। क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
11. जीवन, लंबा नहीं बल्कि बड़ा और महान होना चाहिए।
12. धर्म और गुलामी असंगत हैं।
13. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
14. एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।
15. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।
16. मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।
17. हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं।
18. मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेंगी। उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता है।
19. अन्याय से लड़ते हुए आपकी मौत हो जाती है, तो आपकी आने वाली पीढ़ियां उसका बदला जरूर लेंगी। और अगर अन्याय सहते हुए आपकी मौत हो जाती है, तो आपकी आने वाली पीढ़ियां भी गुलाम बनी रहेंगी।
20. छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है।
21. रात रातभर मैं इसलिए जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।
22. हमें जो स्वतंत्रता मिली है उसके लिए हम क्या कर रहे हैं? हमारे पास आजादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हैं, जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।
23. राजनीति में हिस्सा ना लेना का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है।
24. मैं समझता हूं कि कोई संविधान चाहे जितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हो। एक संविधान चाहे जितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों।
25. महात्मा आए और चले गए परंतु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं।
26. राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं हैं और जो सुधारक समाज की अवज्ञा करता है वो सरकार की अवज्ञा करने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी है।
27. इस पूरी दुनिया में गरीब वही है, जो शिक्षित नहीं है। इसलिए आधी रोटी खा लेना, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना।
28. गुलाम बन कर जिओगे, तो कुत्ता समझ कर लात मारेगी ये दुनिया। नवाब बन कर जिओगे तो शेर समझकर सलाम ठोकेगी।
29. शिक्षा वो शेरनी है, जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।
30. महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है।
31. आप स्वाद को बदल सकते हैं पर जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
32. मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना।
33. शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरुषों के लिए।
34. वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।
35. स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
36. पानी की बूंद जब सागर में मिलती है तो अपनी पहचान खो देती है। इसके विपरीत व्यक्ति समाज में रहता है पर अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है।
37. देश के विकास से पहले अपनी बुद्धि के विकास की आवश्यकता है।
38. जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए, उसे लड़ना होगा और जिससे लड़ना है उसे उससे पहले अच्छे से पढ़ना होगा। क्योंकि ज्ञान के बिना लड़ने गए तो आपकी हार निश्चित है।
39. कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है। मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
40. हो सकता है कि समानता एक कल्पना हो, पर विकास के लिए यह जरूरी है।
41. कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।
42. समाजवाद के बिना दलित-मेहनती इंसानों की आर्थिक मुक्ति संभव नहीं।
43. जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।
44. यदि आप मन से स्वतंत्र हैं तभी आप वास्तव में स्वतंत्र हैं।
45. जो धर्म जन्म से एक को ‘श्रेष्ठ’ और दूसरे को ‘नीच’ बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
46. भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
47. समाज में अनपढ़ लोग हैं ये हमारे समाज की समस्या नहीं है। लेकिन जब समाज के पढ़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते हैं और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते हैं, यही हमारे समाज की समस्या है।
48. हमारे संविधान में मत का अधिकार एक ऐसी ताकत है जो कि किसी ब्रह्मास्त्र से कही अधिक ताकत रखता है।
49. अगर मुझे लगा कि मेरे द्वारा बनाए गए संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा।
50. अच्छा दिखने के लिए नहीं बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।
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