कौन थे बूटा सिंह, जिनकी जिंदगी से प्रेरणा लेकर बनी फिल्म गद़र ?

Who was Boota Singh
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Gadar Movie real story – आजकल ग़दर और ग़दर 2 काफी चर्चा में है, लेकिन क्या आप जानते है ग़दर फ़िल्म के पीछे असली कहानी क्या है? प्रेम कहानिया सबको पसंद आती है जैसे लैला-मजनू, सोनी-महिवाल, हीर-रांझा, रोमियो-जुलीएट. अगर कोई प्यार में फना हो जाये तो उनको भी इनके जैसा ही कहेंगे. ऐसे ही इतिहास के पन्नों में अनगिनत कहानियां दर्ज है. ऐसी ही एक प्रेम कहानी बूटा सिंह (Boota Singh) की भी है, जिनसे प्रेरणा लेकर गदर फिल्म बनाई गई. आज के लेख में हम आपको शहीद-ए-मोहब्बत बूटा सिंह की उस कहानी के बारे में बताऊंगा, जिसके बारे में पाकिस्तान में कोई बात नहीं करता लेकिन भारत में उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है.

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ये रही पूरी कहानी

“इसको समझाओ, बहलाओ, तो भी क्या फायदा, दिल का न कोई कानून है और न कोई कायदा”…बूटा सिंह एक पंजाबी लड़का था, जो अंग्रेज आर्मी में भर्ती था. पाकिस्तान के जालंधर में जन्में इस लड़के ने द्वितीय विश्वयुद्ध में भी अपना योगदान दिया था. वहीं, दूसरी ओर भारत के विभाजन की आग सुलग पड़ी थी, जिसमें हर पंथ और समुदाय के लोग जल रहे थे. इसी दौरान बूटा सिंह ने एक पाकिस्तानी लड़की को बचाया, जिसका नाम जैनब था.

बूटा सिंह और जैनब को लेकर दो कहानियां है. एक में यह बताया जाता है कि बूटा सिंह 55 साल का आदमी था, जिसे 17-18 साल की लड़की से प्यार हो गया था. दोनों ने शादी कर ली और साथ रहने लगे. जबकि दूसरी कहानी यह है कि बंटवारे की जब आग फैली तो लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए. ऐसे समय में अपनी जान बचाने के लिए जैनब पंजाब के खेतों में छिपी हुई थीं. बूटा सिंह ने उसे बचाया और अपने साथ रखा.

Who was Boota Singh – विभाजन के कुछ वर्षों बाद दोनों देशों की सरकारों ने यह निर्णय लिया कि दोनों देशों के जिन लड़कियों और महिलाओं का अपहरण हुआ था, उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाए. इसमें कुछ महिलाओं की मर्जी तक नहीं पूछी गई और जैनब भी उन्हीं में से एक थी. जिसे जबरदस्ती बूटा सिंह से दूर पाकिस्तान भेज दिया गया. जैनब जाते समय बूटा सिंह से यह कहकर गई कि वह जल्द लौटेगी. लेकिन जैनब नहीं लौटी.

कुछ साल यूं ही बीत गए..अब बूटा सिंह को जैनब की चिंता सताने लगी थी..ऐसे में वह उससे मिलने पाकिस्तान पहुंच गए. जहां उनके साथ जैनब के परिवार ने काफी बूरा सलूख किया और पुलिस से पकड़वा दिया. बूटा को जैनब से जुदा कर दिया गया. जैनब अपनी पत्नी से जुदाई का दर्द बर्दाश्त नहीं कर सका और रेलगाड़ी के नीचे कूद कर खुदकुशी कर ली.

जैनब अभी भी जिंदा है

बूटा सिंह (Boota Singh) को आज शहीद-ए-मोहब्बत का दर्जा प्राप्त है. उस दौर में उनके ऊपर कई तरह की खबरें लिखी गईं. तब बूटा सिंह और जैनब की कहानी हर किसी के जुबां पर होती थी. उनके बारे में हर कोई जानता था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2022 में एक पत्रकार ने जैनब के गांव में जाकर पूरी कहानी जाननी चाही लेकिन उनके हाथ भी कुछ नहीं आया. खबरों की मानें तो जैनब अभी भी जिंदा हैं. लेकिन पाकिस्तान में लोग आज भी उनकी कहानी पर बात करने से कतराते हैं, जबकि भारत में उनकी प्रेम कहानी की मिसालें दी जाती हैं.

फिल्म गदर: एक प्रेम कथा इसी कहानी से इंस्पायर थी. इसी कहानी के कुछ पार्ट को तोड़ मरोड़कर दर्शकों के सामने पेश किया गया. 2001 में यह फिल्म रिलीज हुई और रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस हिला डाला था. अब 22 साल बाद इसी फील्म का दूसरा पार्ट रिलीज हुआ है और अब यह फिल्म भी 500 करोड़ के कलेक्शन की ओर बढ़ चुकी है.

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