गुरु गोविंद सिंह जी ने 17वीं शताब्दी में अपने शिष्यों को शिक्षा देते हुए कई ऐसी बातें बताई जो आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम आपको उनके द्वारा बताई गई उन बातों को ही बताने जा रहे है। इन अनमोल वचनों से जीवन में सफल होने की प्रेरणा और रास्ता दोनों मिलेगा। चलिए शुरूआत करते है।
1. धरम दी किरत करनी- अपना जीवन ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए व्यतीत करें। छल-कपट का सहारा न लें।
2. कम करन विच दरीदार नहीं करना- इसका अर्थ है कि अपने काम को पूरी ईमानदारी से करें। किसी भी काम को पूरा करते समय अपनी तरफ से कोई कमी नहीं करनी चाहिए।
3. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना- किसी की भी चुगली, निंदा न करें और किसी के काम से ईर्ष्या करने से बचें।
4. गुरुबानी कंठ करना- जिस भी शक्ति या गुरु को मानते हैं उसकी गुरुबानी अपने कंठ में बसा लें। औऱ उसे मन में बराबर याद करते रहे।
5. बचन करकै पालना- किसी को भी अपने दिए गए वचनों का पालन करें औरवादा करके कभी भी नहीं भूलें।
6. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना- अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर किसी भी तरह का घमंड नहीं करें।
7. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना- खुद को हमेशा सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने का प्रयास करें। हालांकि आज के मुताबिक की जरुरत के हिसाब से अपने आप को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यायाम करें और सेहतमंद भोजन का सेवन करें।
8. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना- हमेशा नशे और तंबाकू के सेवन से दूर रहें और जितना हो सके इनका पूरी तरह से त्याग करें।
9. दसवंड देना- हमेशा ध्यान रखें कि अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
गुरु जी के इन अनमोल वचनों को अपने जीवन में अपनाकर और इन वचनों पर चलकर हमारे जीवन में अच्छे और बड़े बदलाव आ सकते है। इसके कारण हम अपनी पर्सनैलिटी में भी चेंजेस लाकर सफलता हासिल कर सकते है। ऐसे में इन वचनों को अपने अंदर उतारे और इनका पालन करें।