इस परमाणु युग में भारत आता है पहली पंक्ति में
आज-कल ताकत का मतलब वैश्विक नजरिए में परमाणु बम बन गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से परमाणु बम दुनिया के ताकत का पर्यायवाची बन गया है। उस समय केवल अमेरिका और सोवियत संघ में ही ऐसी ताकत थी। लेकिन कई और भी देश थे जो 1960 के दशक में इस ताकत को अपने अंदर ग्रहण करने की क्षमता रखती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इनमें भारत का भी नाम था और उस समय भारत को ना तो पूंजीवादी अमेरिका का सहयोगी था और ना ही साम्यवादी रूस का। लेकिन भारत के एक व्यक्ति ने अमेरिका जैसे देश तक को सोच में डाल रखा था। ये भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ होमी जहांगीर भाभा (Homi Jehangir Bhabha) थे। जिन्होंने एक बार कहा था कि वे डेढ़ साल में परमाणु बम बना सकते हैं। देश आज के ही दिन यानि 30 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर उन्हें याद करता रहा है।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की, की थी स्थापना
होमी जहांगीर भाभा ‘भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक’ के रूप में जाने जाते है।वे एक भारतीय परमाणु भौतिक विज्ञानी थे। जहांगीर भाभा ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की स्थापना की थी। वहीं डॉ होमी भाभा ने जनवरी 1954 में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान, ट्रॉम्बे (AEET) की स्थापना की, जबकि 1966 में, परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान में, ट्रॉम्बे का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) कर दिया गया।
वेब सीरीज रॉकेट बॉयज बताती है भाभा की कहानी
आज के दिन भारत सैन्य और असैन्य परमाणु शक्ति-संपन्न राष्ट्रों की सबसे आगे वाली लाइन में जहांगीर भाभा की वजह से कड़ी है। यह उस सपने का ही परिणाम है, जिसे भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ होमी जहांगीर भाभा ने संजोया था। एक वेब सीरीज रॉकेट बॉयज होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई के जीवन पर बानी हुई है। होमी जहांगीर भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है जबकि विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है।
समृद्ध पारसी परिवार से थे होमी
भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा का जन्म एक समृद्ध पारसी परिवार में 30 अक्टूबर 1909 को हुआ था। उनके रिश्तेदार दिनशॉ मैनेकजी पेटिट और दोराबजी जैसे मशहूर व्यवसायी थे। उनके पिता जहांगीर होर्मुसजी भाभा उस समय के एक मशहूर वकील थे। होमी की प्राथमिक शिक्षा मुंबई के कैथरेडल एंड जॉन कैनन स्कूल में हुई थी, जबकि ऑनर्स से सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास करने के बाद वे एल्फिस्टोन कॉलेज में पढ़े।