सामान्य वाले पटाखों से कितने अलग होते है Green Crackers? इसके फायदे के बारे में जान लीजिए...

By Ruchi Mehra | Posted on 2nd Nov 2021 | हेल्थ
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खुशियों और रोशनी का त्योहार दिवाली की धूम चारों तरफ देखने को मिल रही है। घरों से लेकर बाजार तक में खूब रौनक हैं। लोगों ने अपने अपने घरों को लाइटों से जगमगा दिया। साथ ही बाजार भी सज चुके हैं। वहीं दिवाली से पहले हर बार की तरह पटाखों की गूंज भी सुनाई देने लगी है। दिवाली पर पटाखे जलाने की परंपरा काफी पुरानी है। 

कई जगहों पर सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाजत

लेकिन बीते कुछ सालों से दिवाली के आने से पहले पटाखों को लेकर बहस शुरू हो जाती है। वजह है पटाखों से होने वाला प्रदूषण। दिवाली में आतिशबाजी के चलते पॉल्यूशन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से समस्या बढ़ जाती है। जिसके चलते सरकार पहले ही सतर्क होकर पटाखों पर बैन लगा देती हैं। 

ऐसा ही कुछ इस बार भी हो रहा है। प्रदूषण के खतरे को देखते हुए कुछ राज्य सरकारों ने पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया, तो वहीं कहीं पर ग्रीन पटाखे जलाने की ही इजाजत है। ऐसे में अक्सर आपके मन में ग्रीन पटाखों को लेकर कई तरह के सवाल उठते होंगे, कि आखिर ये होते क्या है? नॉर्मल वाले पटाखों से ये कितने अलग होते हैं? और इससे कितना पॉल्यूशन कम होता है? तो ऐसे में आइए आपको हम अपने इस आर्टिकल में ग्रीन पटाखों से जुड़ी कुछ खास बातें बता देते हैं...

ग्रीन पटाखों से होता है कम प्रदूषण

पटाखों से जो पार्टिक्यूलेट मैटर बाहर निकलता है, वो हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है। खासतौर पर उन लोगों को जिन्हें अस्थमा है या वो किसी हार्ट डिसीज से जूझ रहे हैं। पटाखों में मौजूद केमिकल एलिमेंट्स भी बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

वहीं बात अगर ग्रीन पटाखों की करें तो ये आकार में तो छोटे है ही। साथ ही इनको बनाने में कच्चा माल यानी रॉ मैटीरियल भी कम ही इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में खास तौर पर पार्टिक्यूलेट मैटर (PM) का ध्यान रखा जाता है, जिससे धमाका होने पर ये कम प्रदूषण करें। ग्रीन पटाखों से 20 फीसदी के करीब कम पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है, जबकि 10 प्रतिशत गैसें उत्सर्जित होती है। 

सामान्य वाले पटाखों की तुलना में ये पटाखे 40 से 50 पर्सेंट तक कम हानिकारक होते हैं। ग्रीन पटाखों से ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है। बात अगर पटाखों की कीमत की करें तो ग्रीन पटाखे सामान्य वाले की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। 

अगर आपको ग्रीन पटाखों की पहचान करनी है तो इसके लिए आप बॉक्स पर बने QR कोड को NEERI नाम के एप से स्कैन करके कर सकते हैं। 

अगर आप ग्रीन पटाखे खरीदना चाहते हैं, तो आप जहां रह रहे हैं वहां इनकी इजाजत है तो ये आपको सरकार की तरफ से रजिस्टर्ड दुकान पर ग्रीन पटाखे मिल जाएंगे। इसके अलावा आप ऑनलाइन भी इसे खरीद सकते हैं। 

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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