आज के समय बीच या किसी समुद्री तटों पर आपको काफी तादाद में लड़कियां बिकिनी पहने हुए दिख जायेंगी. मॉडर्न वर्ल्ड में ये जबरदस्त फैशन ट्रेंड बनती जा रही है. अपनी बॉडी फ्लोंट करने के लिए बॉलीवुड तो क्या हॉलीवुड एक्ट्रेस भी इसका सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आपके मन में ये सवाल नहीं आता कि आखिर बिकनी बनाने का आईडिया सबसे पहली बार किसे आया होगा? या इसे पहली बार किसने पहन कर देखा होगा? आज इन्हीं सब सवालों के जवाब हम आपको देंगे.
1946 में हुई थी शुरुआत!
1939 से 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध का दौर था, इस दौरान यूरोप में पैसे की काफी कमी हो गई थी. मानव इतिहास का सबसे घातक युद्ध कहा जाने वाले इस युद्ध में ज्यादातर पैसा इस्तेमाल में लाये जाने वाले सामान की पूर्ति करने में लग गया. जिसके चलते यूरोप में खाने की चीज़ों से लेकर कपड़े की कमी हो गई. इसके बाद अमेरिका ने आर्डर दिया कि महिलाओं के स्विमसूट में कटौती की जाए, क्योंकि इन्हें बनाने में अधिक कपड़े का इस्तेमाल होता था. इन सभी स्थिति को देखते हुए एक फ्रेंच मैकेनिकल इंजिनियर लुईस लेअर्द ने 5 जुलाई 1946 को बिकिनी ईजाद की जिसने दुनिया में तहलका मचा दिया.
कैसे हुआ बिकिनी का नामकरण?
दरअसल जिस जगह पर सबसे पहले बिकिनी ईजाद की गई उस जगह का नाम पहले ही बिकिनी अटॉल था. ये पहले अमेरिका की परमाणु परीक्षण साइट हुआ करती थी. यहां अमेरिका अपने न्यूक्लियर हथियारों का परीक्षण करता था लेकिन समय की मार देखते हुए यहां बिकिनी बनाने का फैसला किया गया. इसके नाम पर विचार करने में तीन दिन बीत गए थे लेकिन तब भी लोग इसको मार्केट में उतारने में डर रहे थे. ऐसे में बिकिनी अटॉल के नाम पर इसका नाम बिकिनी रख दिया गया.
बिना प्रचार के हुई हिट!
बिकिनी तैयार तो हो गई थी, लेकिन कोई भी मॉडल इसका प्रचार करने को तैयार नहीं थी. जैसे ही ये मार्केट में आई, स्पेन और इटली ने इस पर बैन लगा दिया. इसके बाद आखिरकार कैसिनो डी पेरिस एक 19 वर्षीय फ्रांसीसी पोर्न डांसर मिशेलाइन बर्नार्डिनी ने इसका ऐड ऐड किया. इस एड के बाद मिशेलाईन की ख़ूबसूरती के चर्चे चारों तरफ होने लगे. लोग उन्हें ख़त के जरिये तारीफें भेजने लग. बताया जाता है इस एड के बाद मिशेलाईन को 2 दिन के भीतर 50,000 ख़त मिले थे. जिसके बाद धीरे धीरे बिकिनी की डिमांड बढ़ गई.