आष्टांगिक मार्ग क्या है – बौद्ध धर्म एक ऐसा प्राचीन भारतीय धर्म जिसकी स्थापना 2600 वर्ष पहले भगवान बुद्ध ने की तजी और भारत समेत कई देशों में इस धर्म कको फॉलो करने वाले कई लोग हैं ये धर्म लगभग 563 ईसा पूर्व में शुरू हुआ. इस धर्म लोगों को अष्टांगिक मार्ग का कई दिए हैं और बौद्ध धर्म अनुयायी इन्हीं मार्गों पर चलकर मोक्ष प्राप्त करते हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको बुद्ध द्वारा आष्टांगिक मार्ग पर चलें के कई उपदेशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जीवन को एक नई दिशा देते हैं.
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आष्टांगिक मार्ग क्या है
सम्यक दृष्टि
बुद्ध द्वारा दिए गए उपदेशों में सबसे पहल उपदेश सम्यक दृष्टि है. इस उपदेश में कहा गया है कि हमें हमेशा सही सही दृष्टि और दृष्टिकोण रखना चाहिए. वहीं इस उपदेश में बुद्ध ने चार आर्य सत्य को समझते हुए सुख और दुख में यथार्थ दृष्टि रखने का उपदेश दिया है.
सम्यक संकल्प
बुद्ध द्वारा दूसरा उपदेश सम्यक संकल्प हैं जिसमे कहा गया है कि जीवन में आर्य मार्ग पर चलने का संकल्प लें. तभी दुखों से छुटकारा व निर्वाण की प्राप्ति होगी.
सम्यक वाक
तीसरा उपदेश सम्यक वाक है जिसमें बुद्ध ने कहा है कि मीठा, पवित्र और सत्य बोलें. ऐसा नहीं करने पर दुख जरूर आएगा.
सम्यक कर्मांतका
चौथा उपदेश सम्यक कर्मांतका है जिसमे कहा भगवान बुद्ध ने कहा है कि शुद्ध आचरण के साथ अच्छे कर्म करने चाहिए. हिंसा, झूठ, चोरी, पर-स्त्रीगमन जैसे कार्यों से दूर रहना चहिए.
सम्यक आजीविका
पांचवें उपदेश ने सम्यक आजीविका है जिसमें कहा गया है कि धर्म पूर्वक कार्यों से आजीविका प्राप्त करना है और दूसरों को हानि पहुंचाने वाले शस्त्र, पशु, मांस, नशा और विष जैसे व्यापार से दूर रहना चाहिए.
सम्यक व्यायाम
छठा हज्प सम्यक व्यायाम का है और इसमें भगवान बुद्ध ने कहा है कि ऐसी क्रिया व अभ्यास करना चाहिए जिससे पापमय विचारों की समाप्ति और शुभ विचारों का उदय हो.
सम्यक स्मृति – आष्टांगिक मार्ग क्या है
सातवां उपदेश सम्यक स्मृति का है. जिसमें कहा गया है कि राग- विवेक और सावधानी से काम करने की स्मृति रखना. सुख व दुख के प्रति सचेत रहना, चितानुपश्यना यानी चित्त के राग-द्वेष को पहचानना और धर्मानुपश्यना यानी शरीर, मन और वचन की चेष्टा को समझना.
सम्यक समाधि
आठवां उपदेश सम्यक समाधि का है जिसमें भगवान बुद्ध ने बताया है कि ध्यान और चेतना के माध्यम से निर्वाण की प्राप्ति होती है.
वहीं भगवान बुद्ध द्वारा बताए गए ये आठ उपदेश जीवन को एक नई दिशा देते हैं और सभी लोगों को इन आठ उपदेशों को जीवन में लागू करना चाहिए.
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