Science behind Dreams: क्या आपने कभी सोचा है कि हम रात को सोते समय सपने क्यों देखते हैं? यह सवाल ऐसा है जिसे हर कोई नहीं समझ पाता और न ही इसका ठोस उत्तर होता है। कभी-कभी हमें अपने सपनों की याद सुबह उठते ही आती है, और फिर हम सोचते हैं कि रात को हमने क्या देखा था। कई बार यह सपने हमारी दिनचर्या से जुड़ी घटनाओं का पुनरावृत्ति होते हैं, तो कभी अजीब और अप्रत्याशित भी होते हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि नींद में सपने आने का वैज्ञानिक कारण क्या है? तो आइए जानते हैं सपनों के पीछे का विज्ञान और इसका हमारे दिमाग से क्या संबंध है।
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सपने क्या होते हैं? (Science behind Dreams)
सपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारे दिमाग की एक गतिविधि होती है। न्यूरोसाइंटिस्ट और ‘द ओरेकल ऑफ नाइट’ के लेखक सिद्धार्थ रिबेइरो के अनुसार, हर इंसान सपने देखता है, चाहे हमें वह याद हो या न हो। उनका कहना है कि नींद में रैपिड आई मूवमेंट (REM) अवस्था होती है, जो रात के दूसरे पहर में आती है। इस अवस्था में, हमारा दिमाग पूरी तरह से सक्रिय रहता है और कई सपने देखे जाते हैं।
सपने हमारे अचेतन और चेतन मन के बीच का एक पुल होते हैं। हम जो महसूस करते हैं, सोचते हैं, या हमारी नन्ही-नन्ही इच्छाएँ और डर होते हैं, वही हमारे सपनों में दिखाई देते हैं। इनका मतलब समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि सपने क्या होते हैं और कैसे होते हैं। सरल शब्दों में, सपने हमारे मानसिक और भावनात्मक राज्य का परिणाम होते हैं, जो हमारे दिमाग में अचेतन रूप से चलते रहते हैं।
क्या रात में दिमाग एक्टिव रहता है?
कई लोग यह मानते हैं कि जब हम सोते हैं, हमारा दिमाग पूरी तरह से शांत और निष्क्रिय हो जाता है। लेकिन यह सच नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब हम सोते हैं तो हमारा दिमाग सक्रिय रहता है, खासकर नींद के REM (रैपिड आई मूवमेंट) चरण में। यह वह समय होता है जब हम सपने देखना शुरू करते हैं।
यह अवस्था हमारे दिमाग के विभिन्न हिस्सों के बीच संचार बढ़ाती है, और साथ ही हमारे शरीर की शारीरिक क्रियाएं भी धीमी होती हैं। इस अवस्था में हमारा दिमाग पुराने अनुभवों, विचारों, और भावनाओं को एक साथ जोड़ता है, जिससे सपने बनते हैं। साधारण शब्दों में, नींद के दौरान दिमाग सक्रिय रहता है, और यही कारण है कि हमें सपने आते हैं।
सपने में बार-बार एक ही व्यक्ति क्यों आता है?
यदि आपके सपनों में एक ही व्यक्ति बार-बार आता है, तो इसका कारण यह हो सकता है कि आप उस व्यक्ति के बारे में अधिक सोचते हैं या आपके दिमाग में उसका इमोश्नल अटैचमेंट हो सकता है। जब हम किसी के प्रति प्यार या गहरी भावनाएँ महसूस करते हैं, तो वह व्यक्ति हमारे दिमाग में अधिक समय तक रहता है, और यही कारण है कि वह व्यक्ति आपके सपने में दिखाई देता है।
यह मानसिक प्रक्रिया हमारे दिनचर्या के अनुभवों का परिणाम होती है, जहां हम किसी व्यक्ति से संबंधित अपनी भावनाओं को अपने मस्तिष्क में बार-बार दोहराते हैं। इसके अलावा, कभी-कभी यह एक असंभावित कारण भी हो सकता है जैसे उस व्यक्ति से जुड़ी कोई घटना या यादें, जो आपके सपनों में उसे फिर से लाकर सामने आती हैं।
सपनों का विज्ञान
विज्ञान और मनोविज्ञान के अनुसार, सपने हमारे अचेतन मन की इच्छाओं और डर का परिणाम होते हैं। जब हम सोते हैं, हमारा दिमाग इन इच्छाओं और डरों को एक रचनात्मक रूप में बदलता है, जो हमें सपने के रूप में दिखाई देता है। हर रात हमारे दिमाग में पांच सपने आते हैं, लेकिन हम केवल उन्हीं सपनों को याद करते हैं, जो हमें सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं या जिनका प्रभाव हमारे मन पर गहरा होता है।