श्री प्रेमानंद महाराज जी जो वृन्दावन में रहते हैं और खुद को राधा रानी का परम भक्त मानते हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी सुबह से शाम तक राधा रानी की भक्ति करते हैं. जहाँ महाराज जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है और इन सत्संग में कई सारे अच्छी बातें भी बताते हैं. वहीं महाराज जी लोगों से भी मिलते हैं. महाराज जी से मिलने आये लोग उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताते हैं महाराज जी इनका मार्गदर्शन करते हैं साथ ही उन्हें सही दिशा में चलने का मार्ग बताते हैं. वहीं इस बीच महाराज जी मिलने आए मथुरा जेल अधीक्षक से महाराज जी से जेल के कैदियों और उनके परिवार को लेकर प्रशन किया और महाराज जी ने इस सवाल का उत्तर दिया है.
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मथुरा जेल अधीक्षक ने पूछा महाराज जी से सवाल
मथुरा जेल अधीक्षक ने कहा कि जिस जेल के वो अधीक्षक हैं वहां पर 1600 कैदी हैं. वहीं इनमे से कई कैदी ऐसे हैं जो 16-18 सालों से जेल में बंद हैं. जेल में बंद कैदी के अपने परिवार वालों से न मिल पाते हैं न ही बातें कर पाते हैं और इस वजह से जहाँ जेल में बंद कैदी का परिवार तिल-तिल मरता रहता है तो वहीं इ जेल में बंद कैदी सुसाइड जैसे कदम उठा लेते हैं. वहीं अधीक्षक ने भी कहा कि हमने आपकी प्रेरणा से राधे-राधे का जाप कराना शुरू किया है जिसकी वजह से काफी परिवर्तन आया है और अब इन कैदियों को कुछ सन्देश दीजिये.
वहीँ महाराज जी ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि वो निर्दोष हो और उन्होंने वो अपराध नहीं किया हो लेकिन वो इस अपराध के लिए उन्हें सजा मिल गयी ये वो पाप जो है उन्हें दंड नहीं मिला है वो ही पाप वो भोग रहे हैं.
इसी के साथ महाराज ने कहा कि आत्महत्या वो उपाय नहीं है जिससे हम मुक्त हो जाए ये वो पाप जिसका आपको दंड भोगना पड़ेगा. वहीँ महाराज ने भी ये कहा कैदियों को ये सोचना चाहिए कि जेल मिली तो क्या हुआ हम नाम जप करें और देखना सब रह आसान हो जायेगा . इसी के साथ महाराज जी ने कहा उन्हें ये सुनकर अच्छा लगा की कैदी भी नाम जप करते हैं उनक मन प्रसन्न हो गया.
महाराज जी को रोज करवाना पड़ता है डायलिसिस
आपको बता दें, श्री प्रेमानंद महाराज जी को पॉलीसिस्टिक किडनी रोग Ploycystic Kidney Disease है और इस वजह से उनकी दोनों किडनी खराब हो गयी. दोनों किडनी खराब होने की वजह से उन्हें डायलिसिस करवाना पड़ता है और इसके लिए काफी खर्चा होता है साथ उनके काफी पीड़ा भी होती है लेकिन 4 घंटे डायलिसिस करवाने के बाद महाराज जी फिर से राधा रानी की सेवा में लग जाते हैं.
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