राधा रानी के परम भक्त श्री प्रेमानंद महाराज जी को किडनी की समस्या है और इस वजह से उन्हें डायलिसिस करवाना पड़ता है लेकिन दोनों किडनी खराब होने के बावजूद श्री प्रेमानंद महाराज जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं साथ ही बांके बिहारी जी और राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो वहीं सत्संग भी करते है और इन्ही सत्संग के जरिये श्री प्रेमानंद महाराज जी लाखों लोगों को ज़िन्दगी जीने का खास सन्देश देते हैं. वहीं इस बीच श्री प्रेमानंद महाराज जी ने अपने दिव्य भोजन की जानकरी दी है साथ ही ये बताया की इसी दिव्य भोजन से उन्हें शक्ति मिलती है.
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श्री प्रेमानंद महाराज जी ने बताया अपना दिव्य भोजन
श्री प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि उनका दिव्य भोजन सिर्फ 2 रोटी है तीसरी रोटी वो खाते ही नहीं है अगर तीसरी रोटी बन गयी या हैं तो उसे प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है. इसी के साथ श्री प्रेमानंद महाराज जी ने ये भी बताया कि वो रोटी अपने हाथो से बनाते हैं और श्री जी को भोग लगाने के बाद खुद खाते हैं साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो दूध ले लिया और इसी दिव्य भोजन ने उन्हें शक्ति मिलती है.
18 सालों से महाराज जी की दोनों किडनी हैं खराब
संत श्री प्रेमानंद महाराज जी की 18 सालों से दोनों किडनी खराब हैं उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी रोग Ploycystic Kidney Disease है और इस वजह से उनकी दोनों किडनी खराब हो गयी और दोनों किडनी खराब होने की वजह से उन्हें डायलिसिस करवाना पड़ता है और इसके लिए काफी खर्चा होता है. दोनों किडनी खराब होने के बावजूद भी वो रोजाना संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन करते हैं यहाँ कि परिक्रमा जरुर करते हैं. वहीं वो कई बार अस्वस्थ भी हो जाते हैं लेकिन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी का नाम हमेशा उनकी जुबान पर रहता है.
रोजाना वृंदावन की परिक्रमा करते हैं महाराज जी
दोनों किडनी खराब होने के बाद और डायलिसिस प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी संत श्री प्रेमानंद महाराज जी रोजाना सुबह के समय वृंदावन की परिक्रमा करते हैं और इस दौरान कई लोग सुबह के समय उनके दर्शन करने के लिए आते हैं तो वहीं वो रोजाना भगवान का स्मरण करते हैं साथ ही सत्संग भी करते हैं.
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