हम सब जानते है कि सिख पांच के पालन करते है. कंघा, कच्छा, कृपान, केश और कारा. लेकिन इससे अलग सिखों के लिए पगड़ी उनका सम्मान और स्वाभिमान है. सिख समुदाय के लिए तो यह उनकी आन, बान और शान की निशानी है. सिखों के लिए पगड़ी धर्म और विश्वास से जुडी हुई है. हर समुदाय में पगड़ी के अलग मायने होते है. ऐसी ही सिखों में भी पगड़ी के कुछ मायने है. सिख अगल-अलग मौकों पर अलग-अलग रंग की पगड़ी पहनते है. जिसका आपना एक अलग खास मतलब होता है.
आईए आज हम आपको बताएंगे कि सिखों में उनकी पगड़ी के रंग क्या मायने है, और कैसे सिखों के लिए ये उनकी शान की बात है.
सिखों में पगड़ी के रंग के मायने
द सरदारको डॉट कॉम के अनुसार सिख समुदाय के लिए उनकी पगड़ी धर्म और विश्वास से जुडी हुई है. हम आपको बता दें कि सिख समुदाय में कई समूह होते है. जिनमें से एक है खालसा समूह. खालसा समूह नारंगी और नीले रंग की पगड़ी पहनता है. आपकी जानकारी केलिए बता दें नीला रंग लड़ाकू की निशानी होता है और खालसा समूह खुद को लड़ाकू मानता है. नीला रंग सिखों के इतिहास ने उनकी बहादुरी का प्रतीक है. जो उनके इतिहास की जंगो को याद दिलाता है.
जैसे नीला रंग बहादुरी का प्रतीक है वैसी ही नारंगी रंग बुद्धिमानी का प्रतीक है. नारंगी रंग सिखों के इतिहास में बुद्धिमता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है जो सिखों के लिए बहुत जरूरी है. साथ ही ये रंग ताकत और त्याग का प्रतीक भी यही रंग है. इसलिए दोनों रंगों को साथ रखना सिखों के लिए अहम है.
इसके साथ ही हम आपको बता दें कि नारंगी और नीला रंग सिख समुदाय में एकता का रंग माना जाता है. आपने देखा ही होगा जब सिखों में कोई धार्मिक जलसा या अन्य सार्वजनिक मौका होता है तो सिख नारंगी या नील रंग की पगड़ी ही पहनते है. जो सिख समुदाय की एकता को दिखाती है. सिखों को आपने मूल्यों की कद्र है इसलिए शायद आज भी सिख ऐसी परम्पराओं का पालन करते है. अपने धर्म और विश्वास के लिए प्रयास करते है.
साथ ही सिख धर्म का अस्तित्व ही उनकी पगड़ी है. अमृत धारी सिखों के लिए पगड़ी पहनना आवश्यक माना जाता है. सिखों के लिए पगड़ी उनका सम्मान, स्वाभिमान के साथ-साथ साहस और आध्यात्म का भी प्रतीक है. सिख पगड़ी के साथ-साथ केश, कंघा, कड़ा, कृपाण भी रखते हैं.
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