दिवाली के दिन केवल प्रभु राम की अयोध्या वापसी का ही महत्त्व नहीं है, बल्कि इस दिन से जुड़े और भी कई महत्वपूर्ण घटनाएँ और परंपराएँ हैं जो अलग-अलग संस्कृतियों और धार्मिक मान्यताओं में मान्य हैं। यहाँ कुछ अन्य घटनाएँ और मान्यताएँ दी गई हैं जो दिवाली के साथ जुड़ी हुई हैं:
माता लक्ष्मी की पूजा:
दिवाली को माता लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं। इसलिए, इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है और लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं ताकि लक्ष्मी जी का आगमन हो सके और घर में समृद्धि और सौभाग्य बना रहे।
नरकासुर वध और नरक चतुर्दशी:
दिवाली से एक दिन पहले ‘नरक चतुर्दशी’ मनाई जाती है, जिसे ‘छोटी दिवाली’ भी कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण ने दैत्य नरकासुर का वध किया था और 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था। इस घटना को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस:
जैन धर्म में दिवाली का विशेष महत्त्व है, क्योंकि इसी दिन भगवान महावीर स्वामी ने निर्वाण प्राप्त किया था। इसे जैन धर्म के अनुयायी विशेष श्रद्धा के साथ मनाते हैं और मंदिरों में दीप जलाते हैं।
पांडवों की वापसी:
महाभारत के अनुसार, जब पांडव 12 साल के वनवास और एक साल के अज्ञातवास के बाद वापस लौटे थे, तो उनका स्वागत दीप जलाकर किया गया था। यह भी एक मान्यता है कि इसी घटना से दिवाली का उत्सव आरंभ हुआ।
स्वर्ण नगरी स्थापना:
सिख धर्म में भी दिवाली का विशेष महत्व है। 1619 में, सिख धर्मगुरु गुरु हरगोबिंद सिंह जी को ग्वालियर के किले से मुगलों द्वारा रिहा किया गया था। उनकी रिहाई का जश्न अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मनाया गया और तब से यह दिन सिख समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण हो गया।
विक्रम संवत:
दिवाली के दिन ही राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत कैलेंडर की स्थापना की थी, जो भारत में प्रमुख रूप से प्रचलित पंचांग है। इसे भी इस दिन की विशेष घटनाओं में से एक माना जाता है।
कुबेर की पूजा:
व्यापारियों और धन से जुड़े लोग दिवाली के दिन विशेष रूप से धन के देवता कुबेर की पूजा करते हैं। इस दिन नए बही-खातों की शुरुआत भी की जाती है और इसे शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।