वृंदावन में रहने वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी को अपना ईश्वर और खुद को उनका भक्त मानते हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी की जुबान प् हर समय राधा रानी का नाम होता है. जहाँ सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है. वहीं श्री प्रेमानंद महाराज जी लोगों की परेशानी भी सुनते हैं. दरअसल, महाराज जी से मिलने के लिए बड़ी हस्तियों समेत आम लोग भी आते हैं और महाराज को अपनी परेशानी बताते हैं. वहीं महाराज जी इन सभी लोगों को उनकी परेशानी का हल बताते हैं. वहीं इस बीच महाराज ने बताया कि अभद्र भाषा, गालियां, गंदी बातें करते हैं किस तरह नाम जप करें.
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महाराज ने बताया समस्या का समाधान
दरअसल, महाराज जी मिलने के लिए एक ज्योति कृष्ण नाम के व्यक्ति ने पूछा कि मेरा 4 साल कॉलेज की पढ़ाई है और मेरे कॉलेज में ज्यादातर बच्चे अभद्र भाषा, गालियां, गंदी बातें करते हैं. इन सबके बीच मैं कैसे नाम जप करू.
वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए महाराज ने बताया कि भक्ति और नाम जप कही भी हो सकता है. वहीं महाराज ने बताया कि विभीषण ने तो लंका में रहकर भक्ति की थी तो भक्ति और नाम जप कही भी हो सकता है. इसी के साथ महाराज ने ये भी कहा कि वो जो कर रहे हैं वो अपना कर्म कर रहे हैं आप अपना कर्म करो.
महाराज ने बताया पढ़ाई क्यों है जरूरी है.
दरअसल, श्री प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले 2 बच्चे आए थे जो भाई बहन हैं. वहीं इन दोनों बच्चों ने कहा कि हम नाम जप पाठ आदि गुरु जनों की कृपा से करते हैं. वहीं इस बीच इन दोनों बच्चों ने बताया कि कई बार उन्हें पढाई के दौरान ध्यान आता है कि अगर संसारिक पढ़ाई का अध्यात्म में महत्व ही नहीं है तो हम पढ़ाई क्यों करें ? वहीं श्री प्रेमानंद महाराज जी ने इस सवाल का जवाब दिया है. श्री प्रेमानंद महाराज जी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम इस सृष्टि में भेजे गये हैं तो हमें कोई न कोई सेवा मिलेगी.
वहीं श्री प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि अगर हम सृष्टि से जुड़ा ज्ञान नहीं रखते हैं तो आप अच्छी पढाई नहीं करते हैं तो हमारे समाज की सेवा कैसे कर पाएंगे. इसी के साथ श्री प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि पढ़ाई करना भी भगवान का जप करना जैसा ही है. वहीं महाराज जी ने ये भी कहा कि भजन पढ़ने में बाधक नहीं सहयक है और इसी वजह से हमें पढ़ाई करनी चाहिए. भगवत भाव से की जाने वाली सभी किर्या वो भगवान की सेवा है और इसी वजह से पढ़ाई करना बहुत जरुरी है. इसी के साथ महाराज ने कहा कि जो भी पढों भगवान की पूजा समझ के करो. वहीं महाराज जी ने ये भी हम पढाई नहीं करेंगे तो बुधिहीन हो जाएंगे और फिर हमारा मन पढ़ाई में भी लगेगा.
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