सिखों के अनुसार वफादारी बहुत महत्वपूर्ण होती है. सिख के अनुसार हमें अपने लोगों का समर्थन करने में बेहतर होना चाहिए, भले ही हम उन बातों पर असहमत हों. सिखी हमे एकजुटता के सिद्धांत से मिलाती है. सिखों का मानना है कि वफादार दोस्त ही सबसे अच्छे दोस्त बनते हैं. हमें अपने दोस्तों, करीबियों के प्रति वफादार होना चाहिए, साथ ही अपने सिद्धांतों के प्रति, अपनी प्रगति और विकास के प्रति भी वफादार रहना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे सिख अन्य लोगों की भलाई, और सत्ता के उत्थान के लिए और अपने स्वयं के सम्मान के लिए सिखी में कुछ बातें बताई गई है.
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वफादारी का महत्व
गुरु अर्जुन देव जी अपनी अरदास में कहते है कि गुरु गोबिंद जी में मेरी प्रार्थना और अरदास का मान रखा और मेरे भाई को सुरक्षित रखा. गुरु जी आपका शुक्रिया जो आपने मेरी अरदास सुनी और उसका फल भी मुझे दिया. गुरु जी कहते है कि कोई किसी दूसरे का दर्द कैसे समझ सकता है, कोई कितना भी हमारा प्यारा क्यों न हो हम किसी का दर्द नहीं समझ सकते लेकिन गुरु जी आपने हमारा दर्द समझा और उसे कम भी किया उसके लिए आपका शुक्रिया. गुरु जी ने अपनी अरदास में दूसरे लोगों की भलाई से प्रसन्न होने के बारे में बताया है. दूसरे के खुशी में खुश होने से अभिप्राय है कि हम सब एक ही है तो हमारी ख़ुशी भी एक होनी चाहिए. सिखी के अनुसार अपने भाइयों की सफ़लता ही अपनी सफ़लता होती है.
सिखी में वफादारी एक ऊर्जा है, जिसमें आपको अपनों के साथ हर हालात में खड़े रहना है, उन्हें विश्वास दिलाना है कि आप हर ख़ुशी, दुख में उनके साथ खड़े हो. जब भी वह अपनी चारों ओर किसी सहारे को देखेंगे तो उन्हें हमेशा अपने पास पाओगे. हमेशा आप आपने होने का अहसास उन्हें करवाते रहोंगे.
सिखी के अनुसार कभी भी दो लोगों को नहीं भूलना चाहिए. एक तो वो व्यक्ति जिन्होंने आपकी मदद की हो, दूसरा जिसने आपका अपमान किया हो. जिस व्यक्ति ने आपकी मदद की है, उसके लिए आपको हमेशा खड़े रहना चाहिए. उन्हें अहसास करवाना चाहिए की आप उनके लिए है. उनके लिए आपकी वफादारी हमेशा रहेगी. और इसके साथ ही दूसरा जिस व्यक्ति ने आपका अपमान किया हो उससे खुद को दूर रखना चाहिए, क्योंकि जो इंसान एक बार आपका अपमान कर सकता है वह व्यक्ति दूसरी बार भी आपका अपमान कर सकता है. सिखी हमेशा हमे वफादारी सिखाती है.
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