गणपति बप्पा मौरेया…कल यानी शुक्रवार से गणेश चतुर्थी की शुरूआत होने जा रही हैं। हिंदू पंचाग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चर्तुथी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। हर साल इस तिथि पर ही गणेश चतुर्थी की शुरुआत होती हैं। ये 10 दिनों तक चलती और फिर गणपति बप्पा को विदाई दी जाती हैं। इस दौरान देशभर में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती हैं।
गणेश चतुर्थी पर पूजा करना होता है शुभ
गणेश चर्तुथी पर कई घरों में बप्पा विराजमान होते हैं और इस दौरान उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणेश भगवान सभी देवताओं से पहले पूजे जाते हैं। उन्हें शुभता, बुद्धि, सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा से शुरू किए गए कामों में बाधा नहीं आती है, इस वजह से गणेश भगवान को विघ्नहर्ता के नाम से भी पुकारा जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान विधि-विधान के साथ पूजन करने से घर में सौभाग्य और सुख, समृद्धि आती है।
ये हैं स्थापना का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त में ही गणपति की स्थापना काफी अच्छा माना जाता है। बात अगर इस बार के शुभ मुहूर्त की करें तो चतुर्थी तिथि की शुरुआत रात 12 बजकर 18 मिनट से हो जाएगी और इसका समापन 9 बजकर 57 मिनट पर होगा। गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त दिन में 11:03 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक है। ऐसे में आप गणपति स्थापना पूजा मुहूर्त में कर लें।
इस विधि विधान से करें पूजा
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। हो सके तो मिट्टी से बनी गणपति की प्रतिमा ही घर लें, पर्यायवरण के लिहाज से अच्छी रहती हैं। गणपति को गाजे बाजे के साथ अपने घर लेकर आएं। चौकी पर पीले वस्त्र का आसन लगाकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल और पंचामृत से बप्पा का अभिषेक करें। उनको वस्त्र अर्पित करें और फिर चंदन, धूप, दीप, फूल, सिंदूर, जनेऊ, मोदक, फल आदि उन्हें चढ़ाएं। इसके बाद गणपति बप्पा की आरती करें। जितने दिनों तक गणेश जी को आप घर में रखना चाहते हैं, तब तक रोजाना विधि विधान से उनकी पूजा करें।