भारत को मिली पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट ?
उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur news) जिले के छोटे से गांव की एक मुस्लिम बेटी बनी सभी लड़कियों के लिए मिसाल. टीवी मैकेनिक शाहिद अली की होनहार बेटी सानिया मिर्जा (Sania Mirza Mirzapur) ने एनडीए (NDA) की परीक्षा में 149वीं रैंक हासिल कर फ़्लाइंग विंग (Flying Wing) में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. सानिया को एनडीए की महिलाओं की 19 सीट में से दूसरा स्थान मिला है. सानिया मिर्ज़ापुर जिले के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के छोटे से गांव जसोवर की रहने वाली है. सानिया ने प्राइमरी से लेकर 10 वीं तक की पढ़ाई गांव के ही इंटर कॉलेज पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से पूरी की है उसके बाद गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास कर यूपी 12वीं बोर्ड में डिस्ट्रिक्ट टॉपर रही हैं. 10 अप्रैल एनडीए परीक्षा 2022 में बैठ, नवम्बर 2022 में जारी लिस्ट में उनका भी नाम था. वे फ़्लाइंग विंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं. सानिया 27 दिसंबर, 2022 को पुणे में एनडीए खडकवासला में शामिल होंगी. सानिया मिर्जा की माने तो उनकी प्रेरणा स्रोत प्रथम महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी हैं. सानिया मिर्जा के फाइटर पायलट चयनित होने पर गांव में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है. हर कोई सानिया की इस कामयाबी पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहा है. कल तक जो लोग सानिया के परिवार के बारे में जानते तक नहीं थे वह अब सानिया को बधाई देने के लिए उसके घर आ रहे हैं.
देश की हर लड़की को किया प्रेरित
सानिया ने सेंचुरियन डिफेंस अकैडमी से तैयारी कर आज सफलता हासिल की है. सानिया मिर्जा ने बताया कि एक दिन पहले जॉइनिंग लेटर आया है 27 को पुणे में जाकर ज्वाइन करना है. सानिया मिर्जा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही सेंचुरियन डिफेंस अकैडमी को देती हैं. नेशनल डिफेंस एकेडमी 2022 की परीक्षा में कुल महिला और पुरुष मिलाकर कुल 400 सीटें थी जिसमें महिलाओं के लिए 19 सीटों थी उसमें दो सीट फाइटर पायलट के लिए आरक्षित थी इन्हीं 2 सीटों में अपनी प्रतिभा के बल पर सानिया मिर्जा ने मुकाम हासिल की है. पहली बार परीक्षा के क्वालीफाई के लिए भाग ली थी. सानिया मिर्ज़ा को उस समय कम समय था जिसके वजह से क्वालीफाई नहीं कर सकी, दूसरी बार में रिटर्न इंटरव्यू सीपीएस मेडिकल फिटनेस क्वालीफाई कर लिया फ्लाइंग में दूसरी बार जगह बनाने में कामयाब रही 27 दिसंबर को एनडीए खंडवास पुणे में ज्वाइन करेंगी.
भारतीय वायु सेना को एनडीए से मिलेगी पहली मुस्लिम गर्ल ?
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में पायलट के लिए चयनित हुई सानिया मिर्जा, NDA की परीक्षा में हासिल किया हैं. सानिया मिर्जा देश की पहली फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी से प्रेरित होकर आज यह मुकाम हासिल कर पाई हैं. पहली बार सानिया मिर्जा को सफलता नहीं मिली थी दूसरी बार परीक्षा पास कर जिले के साथ ही देश का नाम रोशन किया है. सानिया मिर्जा ने बताया कि फाइटर पायलट में महिलाओं की संख्या कम है इसको देखते हुए साथ ही देश की पहली फाइटर पायलट महिला अवनी चतुर्वेदी से प्रेरित होकर मैंने हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद ही मन बना लिया था, कि मुझे फाइटर पायलट बनना है. यूपी बोर्ड पढ़ाई करने के बावजूद भी आज मैंने यह मुकाम हासिल किया है. कहा जाता है सीबीएसई (CBSE) आईएससी बोर्ड (ISC) BOARD) वाले ही बच्चे एनडीए में सफलता पाते हैं, मगर हमने वह हासिल करके दिखा दिया की यूपी बोर्ड (UP BOARD) वाले भी बच्चे एनडीए पास कर सकते हैं. मुझे फाइटर पायलट में अपनी जगह बनानी थी और आज मैंने वो जगह बना ली है.
मुश्किलों का सामना कर लक्ष्य की ओर बढ़ती रही
सानिया अभावों के बीच जीवन गुजारना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन अभावों को मजबूरियों की ढाल बना लेना सबसे बुरी बात है. सानिया मिर्जा का जीवन भी अभावों के बीच गुजरा है ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी सानिया शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है उसके हौसले और जज्बे बुलंद रहे हैं. पिता भले ही टीवी मैकेनिक थे लेकिन वह सदैव बेटी के बुलंद हौसलों को परवान चढ़ाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते थे. सानिया होनहार होने के साथ-साथ कुछ नया कर आगे बढ़ने का जज्बा लेकर चल रही। सानिया का मानना है कि”अभाव के बीच जीवन गुजारना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन अभाव को मजबूरियों का ढाल बना लेना यह सबसे बुरी बात है.”
धर्म के ठेकेदारों को जोरदार तमाचा
मिर्ज़ापुर जिले की सानिया मिर्ज़ा ने फाइटर पायलट बनकर धर्म के नाम पर गंदी राजनीति करने वालों के लिए भी एक सीख दी है, ज्यादातर देखा जाता है कि अल्पसंख्यकों को खासकर मुस्लिम समुदाय को देश विरोधी मसलों से जोड़कर निशाने पर लिया जाता है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे अब्दुल कलाम की तरह सानिया भी एक मिसाल के रूप में उभर के सामने आई है. वह देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. सानिया के परिजन भी सानिया के इस मुकाम पर पहुंचने पर फक्र कर रहे हैं. सानिया का मत है कि वह अपने देश की आन बान शान के लिए कुछ करने का शुरू से ही जज्बा रखती थी आज वह फाइटर पायलट बनकर अपने को न केवल गौरवान्वित महसूस कर रही है बल्कि वह अन्य बहन बेटियों को भी प्रेरित करने की बात करती हैं.