धारा 364 क्या है – किडनैपिंग कई तरह की होती है एक तो किसी व्यक्ति को कुछ देर के लिए निष्क्रिय करने के लिए और दूसरा किसी से रंगदारी के चलती फिरौती के चलते या फिर हत्या करने के उद्देश्य से. जो की भारतीय कानून प्रकरण के नियमानुसार गैर- कानूनी है. और इसी के चलते भारतीय संविधान में हर तरह के अपराध के लिए कुछ नियम कानून बनाए गए हैं जिसके चलते अपराधी को उसके अपराध के अनुसार सजा दी जा सके. भारतीय दंड संहिता में धाराओं का निर्धारण अपराध के उद्देश्य पर निर्भर करता है.
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इसीलिए किडनैपिंग जैसी वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के लिए धाराओं का निर्धारण भी उसके उद्देश्य पर किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने के उद्देश्य से उसे किडनैप कर लेता है तो उसके खिलाफ किस धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा. साथ ही यदि वह अपरहण करने के बाद हत्या करने में सफल हो जाता है तो उसके खिलाफ अपहरण की धारा लगेगी या सिर्फ हत्या का केस दर्ज होगा.
धारा 364 क्या है ?
जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका व्यपहरण या अपहरण करे या उस व्यक्ति को ऐसे व्यवस्थित करे कि उसे अपनी हत्या होने का ख़तरा हो जाए, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है उसे दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा. और अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति का अपहरण उसकी हत्या के उद्देश्य से करता है तो वह व्यक्ति IPC की धारा 364 के तहत दोषी माना जाएगा.
क्या है सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के प्रावधानों में किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका अपहरण या व्यपहरण करने के अपराध के लिए एक अपराधी को उचित दंड देने की व्यवस्था की गयी है.
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उस व्यक्ति को जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के तहत अपराध किया है, उसे इस संहिता के अंतर्गत कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जिसकी समय सीमा को 10 बर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है.
- दस साल की सजा और जुर्माना.
- पांच साल की सजा और जुर्माना.
- आजीवन कारावास की सजा या दस वर्ष तक के कठोर कारावास और जुर्माना.
- अपराध के लिए कोई सजा नहीं.
364 में वकील की जरूरत क्यों?
एक कुशल और योग्य वकील की जरुरत तो सभी प्रकार के क़ानूनी मामले में होती है, क्योंकि एक वकील ही ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो न्यायालय में जज के समक्ष आपका प्रतिनिधित्व कर सकता है। और वैसे भी भारतीय दंड संहिता में धारा 364 का अपराध बहुत ही गंभीर और बड़ा माना जाता है, क्योंकि इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका अपहरण या व्यपहरण करने के अपराध की बात कही जाती है.
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इसमें आरोपी को निर्दोष साबित कर पाना बहुत ही कठिन हो जाता है. ऐसी विकट परिस्तिथि से निपटने के लिए केवल एक वकील ही ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो किसी भी आरोपी को बचाने के लिए उचित रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है.