भारत को ओलंपिक में दो बार मेडल दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। उनके ऊपर हरियाणा के रोहतक के रहने वाले पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोप लगा है। फिलहाल सागर का परिवार सोनीपत में रहता है। कुश्ती के प्रति सागर की दिवानगी को देखते हुए उनके पिता सोनीपत शिफ्ट हो गए थे, ताकि उनका बेटा वहां पर कुश्ती के गुर सीख सके।
फिर सागर को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम भेजा, जहां पर अब उनकी हत्या हो गई है। इस पहलवान की हत्या के बाद भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाले सुशील कुमार ने सफाई दी थी कि उनका इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है।
लेकिन जब मामले की जांच शुरु हुई तो वह भूमिगत हो गए और अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। आईए जानते हैं कि इतना बेहतर पहलवान कैसे जुर्म की राह पर निकल पड़ा और अभी तक कितने पहलवानों की जिंदगी तबाह कर चुका है….
रियो ओलंपिक में न चुने जाने के बाद से बदले हालात!
दरअसल, सुशील कुमार भारत के इकलौते पहलवान हैं जो दो बार ओलंपिक में पदक जीत कर लाए हैं और देश का नाम रोशन किया है। खबरों के मुताबिक तीसरी बार ओलंपिक में ना जा पाने के बाद वह ऐसे रास्ते पर निकल पड़े जो उन्हें अब सलाखों के पीछे ले जाने वाला है। बताया जा रहा है कि सेलेक्शन न होने के बाद उनका पूरा ट्रैक ही चेंज हो गया।
वह हरियाणा के गैंगस्टरों के साथ मिलकर विवादित मकानों और संपत्तियों पर कब्जा करने लगे। इस बार का मामला भी कुछ वैसा ही है। खबरों के मुताबिक सुशील और उनके गुर्गे जिस विवादित मकान पर कब्जा करते थे, वहां सुशील अपने जूनियर पहलवानों को रखने के लिए बोल देते थे और समय आने पर खाली करा लेते थे। इस बार ऐसा नहीं हुआ।
बताया जा रहा है कि सागर और उनके साथियों ने विवादित फ्लैट खाली करने की बजाय उस पर कब्जा जमाए रखा। जिसके बाद सुशील ने अपने लोगों को उन्हें सबक सीखाने के लिए भेजा। उनके जूनियर पहलवान सागर समेत चार लोगों को लेकर छत्रसाल स्टेडियम पहुंच गए। जहां पहलवान सागर धनखड़ को इतना पीटा गया कि उनकी जान चली गई।
इस पहलवान की जिंदगी कर दी तबाह
सुशील कुमार का पहलवानों के प्रति ट्रैक रिकार्ड इससे पहले भी चर्चा में आ चुका है। रियो ओलंपिक में देश की ओर से कौन जाएगा इस मामले पर विवाद हो गया था। खबरों के मुताबिक जब क्वालीफाइ करने के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही थी तब सुशील कुमार किसी कारणवश अनुपस्थित रहे थे। उनके वर्गभाग 74 किलोग्राम में एक अन्य पहलवान नरसिंह यादव ने क्वालीफाइ कर लिया।
जिसके कारण 74 किलोग्राम में कोई अन्य प्रविष्टि नहीं भेजी गई। जिसके बाद सुशील कुमार ने नरसिंह यादव से मुकाबला करने को कहा लेकिन यादव भी कन्नी काट गए। लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ा जब ओलंपिक जाने से ठीक पहले नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फंस गए। जिसके बाद उनपर चाप वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया। नरसिंह यादव हरियाणा के सोनीपत में स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के उत्तरी क्षेत्र में प्रैक्टिस करते थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुशील कुमार ने उनके पेय पदार्थ में स्टेरॉयड मिलवा दिया। रियो ओलंपिक में इस प्रकरण की सुनवाई में यह स्पष्ट हो गया कि नरसिंह यादव ने लगातार 3 सप्ताह स्टेरॉयड लिया था। जिसके बाद साई ने कार्रवाई की। इस घटना में सुशील कुमार का नाम आने से उनका तो व्यक्तिगत नुकसान हुआ ही लेकिन कहीं न कहीं देश को भी नुकसान झेलना पड़ा।