न्यू इंडिया को लेकर चाहे जितने भी दावे क्यों ना किए जाते हो, लेकिन सच्चाई यही है कि इस न्यू इंडिया में आज भी देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं। आए दिन ही कहीं ना कहीं से महिलाओं के खिलाफ अपराधों की खबरें सामने आ जाती है। जब बात दलित समाज से जुड़ा हो तो प्रशासन की तरफ से भी इसमें लापरवाही के कई मामले अक्सर ही सामने आते रहते हैं।
ऐसा ही कुछ हरियाणा में एक बार फिर देखने को मिला। जहां पहले अपराधियों ने एक महिला के साथ दरिंदगी भरी वारदात को अंजाम दिया गया और फिर पुलिस ने इसमें काफी लापरवाही बरती। मामला हरियाणा के फरीदाबाद का है, जहां 21 वर्षीय दलित युवती को पहले कुछ लोगों ने अगवा किया। इसके बाद उसके साथ सामूहिक बलात्कार को अंजाम दिया गया। हैवान यही नहीं रुके युवती की उन्होंने दोनों आंखें निकालकर बेरहमी से हत्या कर दी। मामला बीते करीब एक हफ्ते से लटका हुआ हैं और पुलिस मृतका के शव तो उसके ही परिजन को देने से इनकार कर रही थी।
5 दिनों तक पुलिस ने युवती का शव उसके परिजनों को नहीं दिया। हालांकि फिर इसके बाद जब शुक्रवार को इस पर बवाल बढ़ गया और भीम सेना ने पुलिस पर भारी दबाव बनाया, तो पूछताछ करने के बाद युवती का शव परिजन को सौपा गया। इसके बदा फरीदाबाद के बीके अस्पताल में भीम सेना ने युवती का पोस्टमार्टम करवाया और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और FIR की कॉपी हासिल की। इसके बाद मामले में IPC की धारा 302 समेत कई गंभीर धाराओं सहित एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज हुआ।
गौरतलब है कि महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं लेती। साल 2019 और 2020 को कवर करने वाले भारतीय आपराधिक आंकड़ों के मुताबिक हर 16 मिनट में एक बलात्कार की रिपोर्ट की जाती है। रोजाना बलात्कार के 77 से 88 मामले सामने आते हैं। 2019 में, देश ने एक ही दिन में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के 88 मामले दर्ज हुए थे। बलात्कार के कुल मामलों में से 11 प्रतिशत दलित समुदाय के थे।