Varansi Mass Murder Details: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बनारस जिले में एक खौफनाक वारदात ने सबको झकझोर कर रख दिया है। 5 नवंबर को शहर के पॉश इलाके में करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारे ने घर में घुसकर राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू गुप्ता, दो बेटों नवनेंद्र और सुबेंद्र और बेटी गौरांगी को दो-दो गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस नृशंस वारदात ने शहर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। अब घटना के 72 घंटे बाद मृतक राजेंद्र की मां ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
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राजेन्द्र अपने भतीजों से करता था नफरत- Varansi Mass Murder Details
मृतक राजेंद्र (Rajendra Gupta Family Murder) की मां शारदा देवी के अनुसार राजेंद्र अपने भतीजों विक्की और जुगनू को बिना वजह पीटता था क्योंकि वह उनसे नफरत करता था। विक्की राजेंद्र से उतना ही नफरत करता था जितना राजेंद्र अपने भतीजों जुगनू और विक्की से करता था। विक्की ने अपनी दादी शारदा देवी से कहा था कि दिवाली पर घर लौटने पर वह राजेंद्र की हत्या कर देगा। हालांकि, उसकी दादी ने उसे शांत किया और वह वापस लौट आया। लेकिन राजेंद्र गुप्ता, उसकी पत्नी, दो लड़के और एक बेटी सभी कुछ घंटों बाद मारे गए।
सभी को मारी गोली- Varanasi Rajendra Gupta Family Murder
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि गुप्ता परिवार की हत्या (Varanasi Gupta Family Mass Murder Mystery) के मामले में सभी को कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसल ने लोकल 18 को बताया कि इस सामूहिक हत्याकांड में पहले राजेंद्र गुप्ता की हत्या की गई और फिर उसके बाद उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की गई।
विक्की पर पुलिस को शक
इस मामले में जांच अभी भी जारी है और शक की सुई राजेंद्र के भतीजे विक्की की ओर घूम रही है। घटना के बाद से ही विक्की लापता है और पुलिस बेंगलुरु, दिल्ली और अन्य जगहों पर उसकी तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, विक्की ने 28 साल पहले अपने माता-पिता की हत्या और संपत्ति विवाद के चलते यह अपराध किया है। हालांकि, सच्चाई पुलिस जांच के बाद ही पता चल पाएगी।
28 साल पहले छोटे भाई की हुई थी हत्या-Varanasi Rajendra Gupta Family Murder
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले भदैनी में राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू और उनके तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र के पड़ोसियों के अनुसार, 1996 में जमीन जायदाद के लालच में उसने अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या के लिए हत्यारे किराए पर लिए थे। राजेंद्र पर 1997 में अपने पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी इस मुकदमे में वादी थीं। नतीजतन, अपनी मां का समर्थन पाकर वह जेल से रिहा हो गया। दूसरी ओर, मंजू और कृष्णा की हत्या का मामला भी ठंडे बस्ते में चल गया।