उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सत्ता में आए साढ़े चार साल का समय हो गया। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे और यूपी में अगले साल चुनाव भी होंगे। सत्ता में आने के बाद से ही योगी सरकार की तरफ से महिला सुरक्षा को लेकर तमाम बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन उन दावों की असल हकीकत तब सामने आती है, जब रोजाना ही कहीं ना कहीं से महिलाओं के खिलाफ होने वाली वारदातें सामने आती हैं।
ऐसा ही एक मामली यूपी के शामली से आया है, जिसके बारे में जानकर आप भी पूछेंगे कि क्या सच में यूपी में महिलाएं सुरक्षित हैं? शामली में एक रेप पीड़िता का दोबारा अपहरण करने की कोशिश हुई। इस दौरान विरोध करने पर केस से जुड़े एक गवाह को मौत के घाट उतार तक उतार दिया था। ये घटना कैराना इलाके के एक गांव में हुई।
2 साल पहले किया था रेप और फिर…
मिली जानकारी के मुताबिक दो साल पहले एक लड़की के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद इस मामले के आरोपी जेल चले गए थे। इसके बाद दोनों आरोपी जमानत पर बाहर आ गए। सोमवार सुबह अपनी सहेली के संग युवती मंदिर में पूजा करने के लिए गई थी। इस दौरान ही आरोपियों ने युवती को घसीटकर जंगल में ले जाने की कोशिश की। जिसका विरोध सहेली ने किया। वो भागकर घर गई और इसकी जानकारी दी।
और गवाह को ही मौत के घाट उतार दिया
जिसके बाद युवती की मां और रेप केस के गवाह अजय वहां पहुंच गए। इस दौरान ही आरोपियों ने अजय को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया और वहां से फरार हो गए। जैसे ही इसकी सूचना मिली, तो पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। साथ ही आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन पुलिस ने दिया है।
केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे आरोपी
वैसे केस के गवाह मृतक अजय पर पहली बार नहीं किया गया था। ग्रामीणों के मुताबिक गवाही देने के विरोध में अजय पर पहले भी तीन चार बार हमले किए जा चुके हैं। आरोपियों युवती पर केस वापस लेने का दबाव भी बना रहे थे। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।
गौरतलब है कि इस तरह के मामले दिखाते हैं कि यूपी में बदमाश किस तरह बेखौफ हैं। इन घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया। इस तरह के मामले प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं।