राजस्थान से एक बेहद दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। तीन वहशियों की करतूत की वजह से दो मासूम महिलाओं ने अपनी जान ले ली। दरअसल मामला राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ इलाके का है। जहां तीन अपराधियों ने स्वाति नाम की महिला के साथ पहले तो सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसका वीडियो भी बना लिया। इसके बाद वहशियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर स्वाति की नन्द आभा से दुष्कर्म किया। इतना सब होने पर भी उनका मन नहीं भरा तो एक दिन तीनों लड़कों ने मिलकर दोनों महिलाओं की इज्जत लूट ली। स्वाति को अपनी ननद पर अत्याचार होता देख बर्दाश्त नहीं हुआ। उसी दिन उसने खुद को आग लगा ली। जिसके बाद 2 महीने तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद उनकी मौत हो गई। जिसके बाद आभा ने अपनी भाभी स्वाति को न्याय दिलाने के लिए कानून का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कानून ने उसके साथ ऐसा सलूक किया कि आप भी कानून पर सवाल उठाने पर मजबूर हो जाएंगे।
और पढ़ें: प्यार ने ले ली इस बैडमिंटन खिलाड़ी की जान, प्रेमिका ने दूसरे प्रेमी के साथ रची मौत की कहानी!
क्या है पूरा मामला
आजतक में छपी खबर के मुताबिक, स्वाति कॉलेज जाती थीं। बस से कॉलेज जाते समय स्वाति की दोस्ती अशोक, लालचंद और श्योचंद नाम के तीन लड़कों से हुई। आपको बता दें कि श्योमचंद राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदार का रिश्तेदार हैं। एक दिन मौका देखकर तीनों ने स्वाति के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी गई। वीडियो वायरल होने के डर से स्वाति ने किसी को कुछ नहीं बताया। यह क्रम महीनों तक चलता रहा। इसके बाद बदमाशों ने स्वाति से उसकी ननद आभा से दोस्ती करने को कहा। डरी-सहमी स्वाति ने आभा को सारी कहानी बता दी। अब स्वाति के साथ-साथ आभा भी वहशियों के चंगुल में फंस गई थी। आभा के साथ भी तीनों ने वहीं किया जो स्वाति के साथ किया था।
स्वाति ने की आत्महत्या
23 दिसंबर 2023 को आभा और स्वाति के साथ उन अपराधियों ने एक साथ बलात्कार किया। जिसके बाद स्वाति को इतना सदमा लगा कि उसने खुद को आग लगा ली और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इसके बाद पुलिस ने ससुरालवालों पर आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अपने परिवार को मुसीबत में देखकर आभा ने हिम्मत जुटाई और पूरी कहानी अपने परिवार को बताई।
पुलिस ने पीड़ित के साथ की बदसलूकी
अब आभा थाने पहुंची। तीनों अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने आभा पर दबाव डाला कि वह केवल एक या दो लड़कों का नाम ले, तीनों का नहीं। पुलिस का कहने का मतलब यह था कि वह मंत्री के रिश्तेदार को इस केस में शामिल न करें। इसके बाद पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करने के बजाय आभा से ऐसे सवाल पूछने शुरू कर दिए, जिसे सुनकर आभा को लगा कि वह पीड़िता नहीं बल्कि आरोपी है। इसके बाद पुलिस ने आभा को छुट्टी के दिन मेडिकल जांच के लिए अकेले अस्पताल भेजा।
देव देव आभा को पुलिस ने यह एहसास कराया कि वह बलात्कार पीड़िता नहीं बल्कि खुद बलात्कारी है। इन सबके चलते आभा हिम्मत हार चुकी थी। न्याय के लिए अपनी आखिरी कोशिश में उसने मीडिया चैनलों को फोन किया और अपने साथ हो रहे पूरे अत्याचार की कहानी सुनाई। फिर उसी रात आभा ने आत्महत्या कर ली। वहीं, जब ग्रामीणों को पूरी सच्चाई पता चली तो उन्होंने पुलिस से तीसरे आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। इस तरह आभा की मौत के ठीक 24 घंटे बाद पुलिस तीसरे अपराधी को गिरफ्तार कर लेती है।
यह शर्म की बात है कि आभा को तीसरे आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए अपनी जान देनी पड़ी।
और पढ़ें: ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी में पति ने गंवाए 1.5 करोड़, पत्नी ने की आत्महत्या