गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में रहने वाले राकेश वार्ष्णेय की हत्या के आरोपियों को करीब तीन महीने बाद पुलिस ने ढूंढ निकाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक राकेश के दोस्त ने संपत्ति के लालच में उसकी हत्या कर शव को गाजियाबाद की नहर में फेंक दिया था। हैरान करने वाली बात ये है कि ये कोई साधारण हत्या नहीं थी। इस हत्या के लिए मुख्य आरोपी राजू ने हत्यारों के ऑडिशन लिए थे। उनकी आवाज रिकॉर्ड की गई थी और उन्हें उनकी योग्यता के हिसाब से काम सौंपा गया था। गुर्गे इस तरीके से अपने आका की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करते थे और फिर मास्टरमाइंड एक शख्स के डेथ वारंट पर साइन कर देता था।
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आखिर राजू ने क्यों किया राकेश का मर्डर?
जिस दोस्त पर राकेश और उसका परिवार बेहद भरोसा करता था, जिसने राकेश के लापता होने के बाद उसे खोजने की सबसे ज्यादा कोशिशें की, आखिर उसी राजू उपाध्याय ने राकेश की हत्या क्यों की? पुलिस जांच में पता चला कि 20 फरवरी को राजू खुद राकेश को दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित अपने दफ्तर ले गया और वहां उसने धोखे से उसे जहर मिली शराब पिला दी और फिर एक के बाद एक एनेस्थीसिया के छह इंजेक्शन दे दिए। इस एनेस्थीसिया के हैवी डोज का असर ये हुआ कि राकेश की दिलशाद गार्डन में ही मौत हो गई। उसने यह हत्या राकेश की मुरादाबाद में 20 करोड़ रुपए की संपत्ति हड़पने के लिए की थी। उसने सोचा कि अगर वह राकेश को रास्ते से हटा देगा तो यह प्रॉपर्टी उसके नाम हो जाएगी और इसी को लेकर उसने राकेश की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी।
ऐसे रची साजिश
इस काम के लिए राजू ने अपने कुछ गुर्गों का ऑडिशन भी लिया था। चूंकि वो बहुत चालाक है, इसलिए उसने हत्या का एक फुलप्रूफ प्लान बनाया। सबसे पहले उसने एक कंपाउंडर से बात की। उसने उसे राकेश को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने के लिए मना लिया और बदले में उसे एंबुलेंस दिलाने का वादा किया। लालच में आकर कंपाउंडर ने राजू की हत्या में मदद करने के लिए हामी भर दी। इसी तरह, हत्या के बाद केस को डायवर्ट करने के लिए उसने एक ऐसे शख्स की तलाश की जो राकेश के परिवार को धमकी भरे कॉल कर सके और इसके लिए उसने कुछ लोगों का ऑडिशन लिया और उन्हें पैसों का लालच देकर शराब की बोतलें भी गिफ्ट कीं। उसे इस काम के लिए दमदार आवाज चाहिए थी, ताकि राकेश का परिवार धमकी पर यकीन कर ले। इसलिए राजू के गुर्गों ने ये काम बखूबी किया। पहले उन्होंने राजू के सामने अपनी आवाज का टेस्ट दिया और फिर राकेश की हत्या के बाद उसके परिवार को फोन करके डराते रहे और मामले को उलझाते रहे। हत्या के बाद राजू ने अपने गुर्गों की मदद से राकेश के शव को अपनी क्रेटा कार में रखकर मुरादनगर की गंग नहर में फेंक दिया और फिर अपनी कार को शालीमार गार्डन इलाके में खड़ी कर फरार हो गया।
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