Kanpur News: कानपुर में धार्मिक आयोजन के दौरान भड़की हिंसा ने तूल पकड़ लिया है। कानपुर में भाजपा दक्षिण जिला के महासचिव प्रबोध मिश्रा (BJP South District General Secretary Prabodh Mishra) समेत 40 लोगों पर मारपीट और धमकी देने का आरोप है। यह मामला शहर के बर्रा इलाके में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भड़की हिंसा से जुड़ा है। भाजपा नेता और उनके 40 साथियों पर भंडारे के दौरान एक युवक के घर को घेरने का आरोप है। उन्होंने भोज तैयार कर रहे कारीगरों को दूसरे धर्म का बताकर अपने साथियों से उनको पीटने के लिए उकसाया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है, जबकि भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है।
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भंडारे के दौरान विवाद- Kanpur News
घटना 17 नवंबर की शाम की है, जब बर्रा निवासी आशीष अविनाश के घर के पास दावत का आयोजन किया गया था। आरोप है कि प्रबोध मिश्रा 40 लोगों के साथ वहां पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। उनका आरोप है कि दावत का खाना मुसलमानों ने बनाया था और उसमें गोमांस परोसा गया था।
यूपी के कानपुर में आषेश अविनाश ने भंडारे का आयोजन किया.
सब सही चल रहा था.
इस बीच BJP के जिला महामंत्री प्रबोध मिश्रा वहां पहुंच गए. उनके साथ 40-45 लोग रहे होंगे.
प्रबोध मिश्रा आते ही भड़क गए, कहने लगे- मुसलमान से भंडारे का खाना बनवाते हो.
अभी अविनाश उनको समझा ही रहे थे कि वो…
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) November 19, 2024
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का विवाद
भाजपा नेता और उनके समर्थकों ने आयोजकों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। आशीष ने कहा कि उन्होंने बार-बार स्पष्ट किया कि वह ब्राह्मण हैं और उनके आरोप निराधार हैं। इसके बावजूद भीड़ ने उन्हें और उनके परिवार को घेर लिया। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी।
महिला पर हमला और अभद्रता
अशेष की पत्नी रानी ने मारपीट रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रबोध मिश्रा ने कथित तौर पर उसका हाथ पकड़ लिया, उसे नीचे खींच लिया और थप्पड़ मारे। भीड़ ने उसके साथ भी बदसलूकी की। पत्नी ने किसी तरह अपनी जान बचाई और घर के अंदर भाग गई। अशेष का आरोप है कि जब उसने विरोध किया तो भीड़ ने उसे और उसके परिवार को पीटा और घर पर पथराव किया। भीड़ का नेतृत्व कर रहे प्रबोध मिश्रा ने कहा- इनके घर में आग लगा दो। सबको जान से मार दो।
पुलिस को धमकी और जांच
पीड़ित परिवार ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई। आरोप है कि भीड़ ने पुलिस को वर्दी उतरवाने की धमकी दी। जांच के दौरान पुलिस को पीड़ित के घर से कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली।
भाजपा नेता का पक्ष
प्रबोध मिश्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि आषेश भंडारे की आड़ में टेंट के पीछे की जमीन कब्जाने का प्रयास कर रहे थे। मिश्रा ने आरोप लगाया कि पीड़ित के कर्मचारियों के पास अवैध हथियार थे और उनकी गाड़ी में फर्जी वीआईपी पास और हूटर भी लगे थे। उन्होंने इस मामले को साजिश करार दिया है।
पुलिस की कार्रवाई
दक्षिण डीसीपी अंकिता शर्मा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर प्रबोध मिश्रा और 40 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इनमें बलवा, चोट पहुंचाना, धमकी देना, महिला पर हमला करना, और समाज में विभाजन फैलाने जैसे आरोप शामिल हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।