नोएडा (Noida) में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (logix infratech pvt ltd) ने खरीदारों (Buyers) के साथ बड़ी धोखाधड़ी कर दी है। इस कंपनी के डायरेक्टर्स ने बायर्स को नोएडा के सेक्टर-143 में लॉजिक्स ग्रीन ब्लास्म में यू टावर के 16वें फ्लोर पर 1606 नंबर फ्लैट बेच दिया। जबकि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने इस प्रोजेक्ट को सिर्फ ग्राउंड के साथ नौ फ्लोर बनाने की अनुमति दी थी। कोर्ट के आदेश पर लॉजिक्स इंफ्राटेक प्रा.लि. के मालिक शक्ति नाथ उनकी पत्नी मीना नाथ, पुत्र विक्रम नाथ, करण इसरानी, मुकेश मोहन श्रीवास्तव, देवेंद्र मोहन सक्सेना और रौशनी नाथ को ठग मानते हुए कोतवाली सेक्टर-20 में पुलिस ने 5 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित नोएडा के मूल निवासी आकाश सिंह के वकील भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सेक्टर-27 निवासी आकाश सिंह ने वर्ष 2014 में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के के ब्लॉसम ग्रीन प्रोजेक्ट (ग्रेटर नोएडा अल्फा-2) में 16वें फ्लोर पर 990 वर्गफीट का फ्लैट बुक किया। जिसकी कीमत 40.59 लाख रुपये बताई गई। आकाश सिंह ने दो बार में 24.81 लाख रुपये बिल्डर के खाते में डिपाजिट करवायें थे। बिल्डर को 2018 में आकाश सिंह को पजेशन देना था। पजेशन डेट निकलने के बाद आकाश ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) गया। जहाँ आकाश को पता चला कि इस प्रोजेक्ट में नोएडा प्राधिकरण ने केवल 9 फ्लोर बनाने की अनुमति दी है। आपको बता दें , अकेले आकाश के साथ बिल्डर ने ये खेल नहीं खेला होगा। क्यूंकि अगर इनको फ्लैट बेचा गया तो कई और भी लोग सामने आएंगे। यह अंदाज़ा भी लगाया जा रहा है कि ये मामला लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों का हो सकता है।
कौन है शक्ति नाथ
शक्ति नाथ लॉजिक्स इंफ्राटेक प्रा.लि. के मालिक है। एक समय इनका इलेक्ट्रॉनिक का काम था। कहा जाता है, नोएडा के एक बड़े प्रॉपटी डीलर सुनील चोपड़ा का शक्ति नाथ को बिज़नेस वर्ल्ड में लाने का सबसे बड़ा हाथ था। शक्ति नाथ ने सुनील चोपड़ा के नक्शे कदम पर चलते हुए प्रॉपर्टी बिज़नेस की बारीकियां सीखीं और धीरे धीरे बिज़नेस वर्ल्ड में आगे बढ़ते गए। शक्ति नाथ के उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से भी काफी करीबी रिश्ते हैं।
5 धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
इस मामले में इंफ्राटेक प्रा.लि. के मालिक शक्ति नाथ, मीना नाथ, विक्रम नाथ, करण इसरानी, मुकेश मोहन श्रीवास्तव, देवेंद्र मोहन सक्सेना और रौशनी नाथ पर पुलिस ने कोतवाली सेक्टर-20 में पांच धाराओं 420, 467, 471, 120बी और 34 IPC में मुकदमा दर्ज किया है। आपको बता दें , धारा 420 – किसी से ठगी, बेईमानी और धोखाधड़ी करने के लिए लगाई है। धारा 467 और धारा 471 – किसी से जालसाजी अर्थात फॉर्जरी के लिए लगाई जाती है। जालसाजी से तात्पर्य किसी अन्य व्यक्ति के अधिकार के बिना तथ्यों की जांच किए झूठे तरीके से किसी भी लेखन, रिकॉर्ड, उपकरण, स्टाम्प, रजिस्टर, डीड, आदि के निर्माण, जोड़ या परिवर्तन करने से है। धारा 120बी – किसी आपराधिक साजिश में शामिल होने पर धारा 120बी लगाई जाती है। 34 IPC – किसी अपराधी पर 34 IPC तब लगाई जाती है, जब कई लोग समान इरादे से कोई आपराधिक काम करते हैं तो उनमें से प्रत्येक को इस काम के लिए उसी तरह जवाबदेह होना पड़ेगा, जैसे उसने अकेले ही इस पूरे काम को अंजाम दिया हो।
पुलिस ने सीधे नहीं किया था मुकदमा दर्ज
इस मामले में आकाश का आरोप है कि उन्होंने बिल्डर से बातचीत करने का बहुत प्रयास किया था, लेकिन बिल्डर के लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज कर उसे भगा दिया गया। साथ ही उसका पैसा भी वापस नहीं किया गया। जब आकाश ने इस मामले की नोएडा (Noida) पुलिस से शिकायत की तब पुलिस की ओर से बिल्डर (Builder) पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद आकाश ने अदालत से न्याय की गुहार लगाई। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच तेजी के साथ शुरू कर दी है।