Sneha Kushwaha Case: वाराणसी के भेलूपुर स्थित रामेश्वरम गर्ल्स हॉस्टल में बिहार के सासाराम की 17 वर्षीय छात्रा स्नेहा कुशवाहा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता रही है, जबकि स्नेहा के परिजन इसे हत्या का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं।
इसी बीच, नौ दिन बाद सोमवार रात को भेलूपुर थाने में हॉस्टल संचालक रामेश्वरम पांडेय के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। यह कार्रवाई छात्र के पिता बिहार के रोहतास जिले के सासाराम तकिया निवासी सुनील सिंह की तहरीर पर की गई है।
घटना का विवरण- Sneha Kushwaha Case
1 फरवरी 2025 को स्नेहा का शव हॉस्टल के कमरे में खिड़की से लटका हुआ पाया गया। परिजनों के अनुसार, स्नेहा का एक पैर बिस्तर पर मुड़ा हुआ था, जबकि दूसरा फर्श को छू रहा था, जो आत्महत्या के सामान्य मामलों से भिन्न है। परिजनों का दावा है कि उन्हें पुलिस या हॉस्टल प्रशासन द्वारा घटना की सूचना नहीं दी गई; बल्कि बनारस में रहने वाले एक परिचित से उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। जब वे हॉस्टल पहुंचे, तो स्नेहा का शव पहले ही नीचे उतारकर बिस्तर पर रखा गया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जल्दबाजी में पोस्टमार्टम करवाया और बिना उनकी अनुमति के अंतिम संस्कार के लिए दबाव डाला।
I’ve come across many posts about the Sneha Kushwaha case and tried to find the facts. Unfortunately, I couldn’t find any news related to it. @PIBFactCheck, please help verify the truth. pic.twitter.com/Gemm7tk1g6
— Nalini Unagar (@NalinisKitchen) February 12, 2025
परिजनों के आरोप
स्नेहा के माता-पिता, सुनील सिंह और रूबी देवी, का कहना है कि 31 जनवरी की रात तक स्नेहा से उनकी बातचीत हुई थी और वह पूरी तरह सामान्य थी। वे मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी बेटी आत्महत्या कर सकती है। उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पोस्टमार्टम से पहले शव देखने नहीं दिया और वाराणसी में ही अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया। परिजनों को हॉस्टल संचालक पर संदेह है और वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने सासाराम पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उत्तर प्रदेश सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले की पूरी जानकारी लूंगा और यूपी सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करूंगा। जो भी दोषी होगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।”
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे हत्या करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया, “सासाराम (बिहार) की बिटिया स्नेहा कुशवाहा जो एजुकेशन के लिए वाराणसी में जेईई/नीट की तैयारी कर रही थी, हॉस्टल में लड़की की मौत प्रथम दृष्टया हत्या प्रतीत होती है।”
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्नेहा की मौत के बाद सासाराम में आक्रोश व्याप्त है। विभिन्न संगठनों ने कैंडल मार्च निकालकर स्नेहा को न्याय दिलाने की मांग की। भीम आर्मी के नेता अमित पासवान ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और स्नेहा को न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन किया जाएगा।
पुलिस की प्रतिक्रिया
वाराणसी पुलिस इस मामले को आत्महत्या के रूप में देख रही है, लेकिन परिजनों के आरोपों और राजनीतिक दबाव के बीच निष्पक्ष जांच की मांग बढ़ती जा रही है। पुलिस ने कहा है कि वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।
स्नेहा कुशवाहा की संदिग्ध मृत्यु ने कई सवाल खड़े किए हैं। परिजनों के आरोप, राजनीतिक हस्तक्षेप, और स्थानीय आक्रोश के बीच, यह आवश्यक है कि मामले की निष्पक्ष और गहन जांच हो ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित हो सके।