AI के जरिए मोबाइल पर एक ठगी का मामला सामने आया है और ये मामला रिटायर्ड एडीजी आईपीएस प्रेम प्रकाश से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सोशल मीडिया पर रिटायर्ड एडीजी आईपीएस प्रेम प्रकाश का विडियो आया है और इस विडियो के जरिए रिटायर्ड एडीजी आईपीएस प्रेम प्रकाश पर एक बड़ा आरोप लगा है जिसके बाद ये मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
जानिए क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, ये मामला उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद का है. जहाँ पर एक वरिष्ठ नागरिक से उगाही करने के लिए ठगों ने यूपी पुलिस के एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी के चेहरे और आवाज वाला एक वीडियो बनाया. इस वीडियो ने 76 वर्षीय सीनियर सिटीजन को डराया गया साथ ही पैसों की डिमांड की. वहीं पीड़ित को लगा कि धमकाने वाले आईपीएस अधिकारी हैं और इस प्रकार का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद उनकी छवि को नुकसान हो सकता है.
वहीं ब्लैकमेलरों की ओर से बनाए गए डीपफेक वीडियो में सीनियर सिटीजन को सेक्स के लिए अनुरोध करता दिखाया गया था. इस वीडियो के जरिए ब्लैमेलर्स ने सीनियर सिटीजन को पुलिस की कार्रवाई की भी धमकी दी गई थी. वहीं वरिष्ठ नागरिक ने डीपफेक ट्रैप में बुरी तरह से फंसने के बाद पुलिस के पास गया और गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को इस मामले की एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जाँच भी शुरू कर दी है.
वहीँ इस मामले को लेकर पीड़ित की बेटी मोनिका ने पुलिस शिकायत में कहा कि वीडियो में वर्दीधारी व्यक्ति ने कहा कि अगर मेरे पिता ने भुगतान नहीं किया तो वह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह मेरे पिता का महिलाओं से बात करने का वीडियो सोशल मीडिया जारी करेंगे. इसे परिवार के सदस्यों के साथ भी साझा करेंगे. वहीँ इस वजह से मेरे पापा परेशान थे कि अगर ये वीडियो सामने आ गया तो उनकी बदनामी होगी.
ब्लैकमेलर्स ने ठगे 74,000 रुपये
वहीं इसके बाद उन्होंने ब्लैकमेलर्स की ओर से दिए गए बैंक खाता नंबर पर 5000 रुपये ट्रांसफर कर दिए और ये ब्लैकमेल करने का मामला कई समय से चल रहा है और अभी तक उनके पिता ब्लैकमेलर्स को 74,000 रुपये का भुगतान कर चुके हैं. वहीँ पिता जब ज्यादा प्रश्न हो गे तब उन्होंने इस मामले को अपने परिवार को बताया, जिन्होंने बाद में यह पता लगाने के लिए गूगल पर खोज की कि आईपीएस अधिकारी कौन है?
वीडियो की जांच में पता चला किया वीडियो में दिखने वाले आईपीएस अधिकारी पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश थे. उन्हें यह समझ में नहीं आया कि वरिष्ठ अधिकारी क्यों धमकाएगा और उगाही करेगा? इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया.
इसी के साथ इस मामले को लेकर कविनगर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर शिकायत मिली. मंगलवार को आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने से पहले सीनयर सिटीजन से संपर्क किया गया. एसीपी ने कहा कि हम मामले को सुलझाने के लिए साइबर सेल की मदद ले रहे हैं. हमने फोरेंसिक विश्लेषण के लिए वीडियो के साथ विवरण भेजा है. बैंक लेनदेन सहित अन्य जानकारी पर गौर किया जा रहा है. वीडियो को करीब से देखने पर पता चलता है कि आवाज और होठों की हरकत एक साथ नहीं हो रही है. वीडियो से मची घबराहट के कारण ऐसा लगता है कि इस पर किसी का ध्यान नहीं गया.
आईपीएस ने की शिकायत दर्ज करने की अपील
वहीँ 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश ने कहा कि उन्हें बुधवार को डीपफेक वीडियो के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि कुछ जालसाजों ने लोगों से उगाही करने के लिए उनके नाम से एक फेसबुक अकाउंट भी बनाया था. एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा कि मैंने देखा है कि साइबर अपराध के अधिकांश पीड़ित पुलिस को मामले की रिपोर्ट नहीं करते हैं. लोगों को शिकायत दर्ज करनी चाहिए. वे इसे राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर- 1930 पर भी रिपोर्ट कर सकते हैं. इस प्रकार के मामले ने हर किसी को परेशान कर दिया है. एआई के गलत उपयोग को लेकर अब स्ट्रैटेजी तैयार की जाने लगी है.
जानिए कौन है रिटायर्ड एडीजी आईपीएस प्रेम प्रकाश
आपको बता दें, रिटायर्ड एडीजी आईपीएस प्रेम प्रकाश दिल्ली के रहने वाले प्रेम प्रकाश 1993 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वे बीटेक करने के बाद पुलिस मैनेजमेंट में भी एमडी (मास्टर इन डिप्लोमा) का कोर्स कर चुके हैं. वे आगरा, मुरादाबाद, एनसीआर समेत कई जिलों में बतौर एसपी यानी पुलिस कप्तान रह चुके हैं. इसके अलावा प्रेम प्रकाश ने 12 जुलाई 2009 को राजधानी लखनऊ में डीआईजी-एससएसपी का चार्ज संभाला था.
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