बच्चा चोर समझकर साधुओं को बेरहमी से पीटा… हाथ जोड़कर गुहार लगाते रहे साधु…

बच्चा चोर समझकर साधुओं को बेरहमी से पीटा… हाथ जोड़कर गुहार लगाते रहे साधु…

रास्ता पूछने पर साधुओं की कर दी पिटाई, पुलिस ने 15 लोगों को किया गिरफ्तार  

महाराष्ट्र में साधुओं की पिटाई का एक मामला सामने आया है जो कि इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, महाराष्ट्र में साधुओं की पिटाई की गयी है और ये घटना गलतफहमी की वजह से हुई है। वहीं इस मामले पर करवाई करते हुए पुलिस ने 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गयी है।

जानिए क्या है पूरा मामला 

ये मामला सोलापुर जिले के पंढरपुर का है. वहीं इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि चार साधु एक वाहन से सोलापुर जिले के पंढरपुर जा रहे थे, वहीं इस दौरान ये लोग रास्ता भटक गए। जिसके बाद इन साधुओं ने लवंगा गांव के पास एक बिजलीघर स्टेशन के निकट एक लड़के के पास पहुंचे। वह लड़का कन्नड़ के अलावा और कोई भाषा नहीं जानता था। वह उनका चेहरा देखकर डर गया और ‘चोर-चोर’ चिल्लाने लगा। जिसके बाद कुछ स्थानीय लोगों को शक हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं।
वहीं अधिकारी ने आगे बताया कि ‘गांव के लोग वहां जमा हो गए और साधुओं को पकड़ लिया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच बहसबाजी हुई और स्थानीय लोगों ने साधुओं लाठियों से पीट दिया। वहीं अधिकारी ने कहा कि पुलिस को जब इस मामले की जानकारी मिली तब पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची वहीं पुलिस ने बताया कि ये साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े के सदस्य हैं. और ये घटना गलतफहमी की वजह से हुई है. वहीं पुलिस ने ये भी बताया कि साधुओं ने मामले को आगे नहीं बढ़ाया और वहां से चले गए। वहीं सोशल मीडिया पर इस मामले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग लाठियों से साधुओं को पीटते दिख रहे हैं। जिसकी वजह से ये मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।


पुलिस ने 20 लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला

इस मामले पर करवाई करते हुए सांगली के उमाडी थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज पवार ने कहा कि, ‘साधुओं ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन हमने 18 से 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से छह लोगों की पहचान करके उन्हें हिरासत में लिया गया है।’ वहीं पुलिस ने ये भी कहा है कि अब तक साधुओं से दोबारा संपर्क नहीं हो पाया है। 
साधुओं की पिटाई पर शुरू हुई राजनीती 

वहीं इस मामले को लेकर उद्धव गुट और बीजेपी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। उद्धव गुट की शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस मामले को लेकर कहा कि आज सांगली में सुबह-सुबह चार साधुओं की पिटाई का जो निर्मम मामला सामने आया है, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम किस राज्य में हैं, हम किस राज्य में रह रहे हैं, हम किस सरकार में हैं, एक तरफ सरकार कहती है कि हम हिंदूवादी हैं, हिंदुओं के संरक्षक हैं और दूसरी तरफ सांगली में हमारे संतों की भूमि पर साधुओं की पिटाई का मामला सामने आता है। इसी के साथ आनंद ने आगे कहा कि ‘जब हमारी सरकार थी तब आरोप लगाना आसान था कि सरकार हिंदू विरोधी है, संतों-साधुओं की विरोधी है, सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए महाराष्ट्र की पावन भूमि यह बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार या तो यह कहे कि वह हिंदुओं के साथ है या फिर ढोंग रचना बंद करे कि हम हिंदूवादी हैं।’

दो साल पहले पालघर में हुई थी ऐसी ही घटना 

आपको बता दें, इससे पहले महाराष्ट्र के पालघर में भी 16 अप्रैल 2020 को ऐसी ही घटना हुई थी। दो साधु अपनी गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस दौरान यहां भी बच्चा चोरी के शक में दो साधु समेत 3 लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। भीड़ ने 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या कर दी थी। वहीं पुलिस ने इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया था।

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