क्यों होता है ऐसा कि हर बार दलित परिवार को ही निशाना बनाया जाता है? चाहे राजनीति हो या फिर आपसी कलह हर बार सहना दलितों को ही पड़ता है। इसका एक एग्जांपल है प्रयागराज के फाफामऊ हुई दिल को दहला देने वाली घटना, जिसमें दलित परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की सियासत फिर चरम पर पहुंच गई।
महिलाओं के साथ गैंगरेप की आशंका
गोहरी गांव में हुए इस नरसंहार में 50 साल के फूलचंद, उनकी बीवी मीनू , 10 साल के बेटे शिव और 17 साल की बेटी की हत्या की गई है और इस घटना में सबके शव घर के भीतर से बरामद किए गए। सभी पर धारदार हथियार से वार करने के निशान थे। महिलाएं नग्न पाई गई। ऐसे में आशंका है कि इनके साथ गैंगरेप भी किया गया होगा। सवर्ण जाति के 11 लोगों के अगेंट्स फाफामऊ थाना पुलिस ने नामजद रिपोर्ट लिखी है और मामले में अभी 8 लोग अरेस्ट किए गए हैं।
जानिए आखिर पूरा मामला है क्या?
प्रयागराज की गोहरी ग्राम सभा की लगभग 14 हजार जनसंख्या 18 मजरों में रहती है। इस गांव में पटेल ज्यादा है और दलितों के अलावा यहां पर कुम्हार, भुजवा, मौर्य, ठाकुर जैसी जातियां भी रहती है। जहां पासी समुदाय के फूलचंद और उसकी फैमिली के जो 4 लोग मारे गए हैं वो गोहरी गांव का मजरा मोहनगंज है। हत्या के बाद दो दिनों तक शव घर में ही सड़ रहे थे और किसी को कुछ पता ही नहीं चला।
फिर 25 नवंबर 2021 की सुबह के वक्त संदीप कुमार फूलचंद के घर के तरफ से गुजर रहे थे कि तभी घर का दरवाजा संदीप ने खुला देखा और घर में झांकने लगे, लेकिन कोई दिखा नहीं तो उनके भाई किशन को संदीप ने खबर दी जो कि सीमा सुरक्षा बल में तैनात हैं। वो इन दिनों छुट्टी पर हैं और घर में घुसकर जब उन्होंने देखा तो उनके होश उड़ गए। परिवार के चार लोगों का शव देख वो चिल्ला चिल्ला कर रो पडे़।
बताया जा रहा है कि फूलचंद्र के घर से ठीक दाई तरफ पशु औषधालय है और बाई ओर खाली प्लॉट घर के पीछे की तरफ ईंट का भट्ठा है। पशु औषधालय ऐसा बना है कि चारदिवारी से फांदकर कोई भी घर में दाखिल हो जाएगा। पुलिस भी एक बारे को मान रही है कि हत्यारे इस ओर से ही घुसे होंगे। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गांव के 17 लोगों को हिरासत में लिया है जिसमें एक महिला और आकाश, मनीष, रवि, रामगोपाल शामिल है। सभी को अलग अलग जगह पर रखकर पूछताछ की जा रही है।
मृतक फूलचंद के एक दूसरे भाई है जिनका नाम हैं लालचंद जिन्होंने 11 लोगों के अगेंट्स मामला दर्ज करवाया है। भाई ने कहा है कि साल 2019 और 2021 में हमारे भाई फूलचंद ने गांव के कई दबंगों के अगेंट्स दलित एक्ट में केस दर्ज किया गया था, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। अब बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद से गांव में काफी तनाव का माहौल है और फूलचंद के भाई की पत्नी राधा ने तो साफ साफ आरोप लगा दिया कि उसके जेठ-जेठानी और उनके बच्चों की हत्या गांव के दबंगों ने कराया है। उनका ठाकुर जाति के लोगों से रास्ते की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। कई बार उनके घरों में घुसकर सामंतों ने मारपीट की। केस दर्ज कराने की कोशिश तो की गई, लेकिन पुलिस ने हमारी बात नहीं सुनी।
पीड़ित पक्ष ये तक आरोप जड़ा है कि एससी-एसटी कानून के तहत दबंगों के अगेंट्स पीड़ित फैमिली की तरफ से केस दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के अगेंट्स एक्शन नहीं लिया। इस मामले में फाफामऊ के इंस्पेक्टर फाफामऊ राम केवट पटेल साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
मामले को लेकर सियासत भी गरमाई
हालांकि, इस केस पर राजनीति भी खूब हो रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने तो शुक्रवार को जब गोहरी गांव पहुंचकर मामले के पीड़ित परिजनों से मुलाकात की जिस परिवार वाले रो पडे। मामला हत्या के साथ साथ सवर्ण और दलित का हो चुका है। परिवार वाले न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वहीं सुबह के वक्त ऐसा हुआ कि लोकल नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। मौके पर कांग्रेस, सपा, बीएसपी, अपना दल एस, सीपीएम ऐसी कई और पार्टियों के नेता मौके पर पहुंच गए। कई छोटी पार्टियों के नेता और सामाजिक, दलित इसके अलावा अधिवक्ता संघ के तमाम तरह के सदस्य मौके पर पहुंचकर न सिर्फ घटना पर शोक जाहिर किया यहां तक कि विरोध प्रदर्शन तक किया।
नेताओं की मांग है कि हत्यारों की गिरफ्तारी, मुआवजा, सुरक्षा दिए जाएं। अधिवक्ताओं का गुट मांग कर रहा है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले और सुरक्षा दी जाए, हथियार लाइसेंस दिया जाए। इसके अलावा नौकरी दी जाए। साथ ही हत्या करने वालों को फांसी भी जाए। आगे क्या होगा इस मामले में देखना होगा।