13 लाख उम्मीदवारों का टूटा सपना…
प्रतियोगी परीक्षाओं की सालों से तैयारी कर रहे 13 लाख उम्मीदवार जैसे ही एग्जाम देने बैठे, पता चला बस में पर्चा बट रहा है। राजस्थान में पेपर लीक (Rajasthan Paper Leak) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. 24 दिसंबर को राज्य में सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा होने वाली थी तब पता चला की पहली शिफ्ट का जनरल नॉलेज का पेपर लीक हो गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक उदयपुर में एक बस से परीक्षा के पेपर्स बरामद हुए थे. इसके बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने परीक्षा रद्द कर दी. परीक्षा रद्द होने के बाद उम्मीदवारों के बीच आक्रोश देखने को मिला।
44 आरोपियों को किया गया गिरफ़्तार…
दरअसल, आज सुबह सामान्य ज्ञान का पेपर था। करीब 2 लाख उम्मीदवार परीक्षा देने परीक्षा केंद्रों में पहुंचे लेकिन परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर लीक होने लगा उसके तुरंत बाद ही अधिकारियों ने इस पर ऐक्शन लिया और पेपर को रद्द कर दिया गया। हालांकि पेपर लीक से जुड़े 44 आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। हिरासत में लिए गए अधिकतर लोग सिरोही जालोर के हैं. उदयपुर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.
पेपर लीक की शिकायत के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot,Chief Minister of Rajasthan) ने कहा कि बाकी परीक्षाएं तय शेड्यूल से जारी रहेंगी.गहलोत ने ट्विटर पर लिखा, “सरकार किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने देगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता के लिए हमारी सरकार ने सख्त कानून बनाया है. दुर्भाग्य से देश भर में पेपर लीक करने वाले गैंग पनप गए हैं जिससे कई राज्यों में यहां तक कि ज्यूडिशियरी और मिलिट्री तक में पेपर लीक जैसी घटनाएं होती हैं. पर राजस्थान में सख्त कार्रवाई कर बेईमानों को जेल में बंद किया गया है”
पेपर लीक हुआ है, ये भनक कैसे लगी ?
पेपर लीक होने की जानकारी देर रात पुलिस को मिली। इसके बाद टीम एक्टिव हो गई। पुलिस ने बेकरिया थाने के बाहर एक बस को खड़ा देखा जिसके बाद संदिग्ध लगने पर छानबीन की। बस में बैठे लोगों के पास कुछ पेपर थे, जो ओरिजनल पेपर के सवालों से मिलते-जुलते थे। उसके बाद पुलिस ने 44 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है जिनमें से 7 लड़कियां हैं। 5 साल बाद हो रही है ये परीक्षा राजस्थान में इन प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन पाँच साल बाद हो रहा था और मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यकाल में तो ये पहली दफ़ा ही था। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा ये परीक्षा आयोजित की जाती है लेकिन इस बार कई उम्मीदवार निराश हो गये।
5 साल बाद हो रही है ये परीक्षा
राजस्थान में इन प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन पाँच साल बाद हो रहा था और मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यकाल में तो ये पहली दफ़ा ही था। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा ये परीक्षा आयोजित की जाती है लेकिन इस बार कई उम्मीदवार निराश हो गये।