झारखंड में नाबालिग बच्ची की तस्करी का एक मामला सामने आया है। यहां एक बच्ची की तस्करी तक दिल्ली लेकर जाने थी। हालांकि नन्हे फरिश्ते की टीम ने नाबालिग को तस्करों के चुंगल से बचा लिया। RPF की नन्हे फरिश्ते टीम ने ऑपरेशन आहट के तहत रांची रेलवे स्टेशन से टीम ने प्लेटफार्म संख्या एक से सिमडेगा से बच्ची को मानव तस्करों से बचाया। साथ ही साथ आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। रविवार को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने में FIR दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक टीम रेलवे स्टेशन पर गश्त कर रही थीं, जिसमें RPF निरीक्षक सुनीता पन्ना, उप निरीक्षक सुनीता तिर्की, महिला आरक्षी प्रतीमा कुमारी, सुनीता कुमारी के साथ ही सह उप निरीक्षक रवि शंकर, कांस्टेबल हेमंत औक सुनील कुमार रांची स्टेशन पर मौजूद थे। इस दौरान ही उन्हें महिला वेटिंग रूम के पास एक नाबालिग बच्ची दिखीं, जो डरी सहमी थीं। पूछताछ के दौरान नाबालिग ने बताया कि वो सिमडेगा जिले के कुरडेग की रहने वाली है। जिस शख्स के साथ वो रांची स्टेशन आई, वो उसे नहीं जानती। नाबालिग ने बताया कि वो शख्स उसे सिर्फ दिल्ली की ट्रेन में बैठाने के लिए रांची आया है।
इसके बाद RPF ने नाबालिग के साथ आए 31 वर्षीय अजगुत लोहरा को पकड़ लिया और उससे कड़ाई से पूछताछ की। जिसके बाद पूरा मामला साफ हो पाया। पूछताछ के दौरान शख्स ने बताया कि वो नाबालिग को राजधानी एक्सप्रेस में बैठाने के लिए आया था। दिल्ली की रहने वाली पूजा नाम की एक लड़की ने पंकज को नाबालिग को रांची लाने को कहा था, जिसके लिए उसे 5 हजार रुपये की कमीशन मिलनी थीं।
पकड़े गए आरोपी ने ये भी बताया कि वो पहले भी कई लड़कियों को बहला फुसलाकर दिल्ली काम दिलाने के नाम पर ले गया था। इसके लिए उसे हर लड़की के बदले 20 हजार से 25 हजार रुपये मिलते हैं।
आरोपी के पास से मोबाइल फोन भी मिला है, जिसमें नीरा गुप्ता नाम की एक महिला से वाट्सएप चैट भी है। इस चैट में लड़कियों की तस्करी करने और पैसे की लेन देन का खुलासा हुआ। मामले को लेकर RPF आगे की कार्रवाई करने में जुटी है। RPF ने रविवार को ही आरोपी और नाबालिग को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कोतवाली थाने को सौंप दिया।