Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मेहाड़ा थाना क्षेत्र के गोविंदासपुरा गांव में दलित दूल्हे की बिंदौरी भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई। गांव में दूल्हे की बिंदौरी को लेकर मिली धमकियों के बाद पुलिस ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए। 15 फरवरी को हुई इस बिंदौरी में 4 थानों की पुलिस और 60 जवान तैनात रहे, जिससे पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया गया।
घोड़ी पर नहीं बैठने देने की मिली थी धमकी- Rajasthan News
थानाधिकारी भजनाराम ने बताया कि गोविंदासपुरा के निवासी राकेश कुमार, पुत्र मदनलाल की शादी 15 फरवरी को तय थी। शादी से पहले 9 फरवरी को हुए लग्न-टीका कार्यक्रम के दौरान कुछ युवकों ने परिवार को धमकी दी कि शादी के दिन राकेश की बिंदौरी घोड़ी पर नहीं निकाली जाएगी। इस धमकी से परिवार चिंतित हो गया और उन्होंने तुरंत मेहाड़ा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था
शिकायत के बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर 15 से अधिक लोगों को पाबंद किया और पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए रखी। इसके बावजूद परिजनों को झगड़े की आशंका बनी रही, जिसके चलते वे झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी से मिले और सुरक्षा की मांग की। एसपी के निर्देश पर मेहाड़ा, खेतड़ी, खेतड़ी नगर, और बबाई थानों की पुलिस के अलावा पुलिस लाइन से क्यूआरटी टीम को तैनात किया गया।
सुरक्षा घेरे में दूल्हे की बिंदौरी
60 पुलिस जवानों की निगरानी में दूल्हा राकेश कुमार घोड़ी पर सवार होकर पूरे गांव में निकला। कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी बिंदौरी शांतिपूर्वक निकाली गई और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। इसके बाद बारात हरियाणा के नारनौल के शोभापुर के लिए रवाना हो गई।
पुलिस प्रशासन की सतर्कता
थानाधिकारी भजनाराम ने बताया कि दूल्हे के परिवार में पांच भाई हैं और राकेश गुरुग्राम (हरियाणा) की एक निजी कंपनी में काम करता है। उसके पिता मदनलाल मजदूरी करते हैं।
इससे पहले, स्वर्ण जाति के कुछ युवकों ने राकेश और उसके परिवार को धमकाया था कि वे घोड़ी पर सवार होकर बिंदौरी न निकालें। इस घटना के बाद पुलिस ने गांव में पहुंचकर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को पाबंद किया और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए निगरानी बढ़ा दी।
समाज में बदलाव का संकेत
झुंझुनूं जिले में इस घटना ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक नई मिसाल कायम की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी समुदाय के अधिकारों का हनन न हो, प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता ने यह संदेश दिया कि जातिगत भेदभाव और धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना के बाद इलाके में चर्चा है कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए, जिससे हर वर्ग के नागरिक अपने अधिकारों का निर्भीकता से उपयोग कर सकें।