अभी कुछ समय पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जहां एक व्यक्ति को जमीन पर पकड़ रखा है और कुछ लोग उसे लाठी और डंडे से पीट रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद बेहद ही दुखद खबर सामने आई, पिटने वाले शख्स की अस्पताल में मौत हो गई। अब सवाल ये कि आखिर कौन था ये शख्स जिसे इतनी बेरहमी से पीटा गया, और ये पीटने वाले कौन थे, और क्यों पीट रहे थे? तो चलिए आपको पूरा मामला बताते है…
हनुमानगढ़ का है मामला
दरअसल ये घटना राजस्थान के हनुमानगढ़ की है। बेरहमी से मार खाने वाले मृतक का नाम जगदीश मेघवाल था, जिसका पड़ोस के ही रहने वाली एक शादीशुदा महिला से अफेयर चल रहा था। हालांकि पुलिस के मुताबिक महिला किसी पारिवारिक समस्या के कारण अपने पति से अलग सूरतगढ़ में रह रही थी। गुरुवार को जगदीश महिला से मिलने सूरतगढ़ गया हुआ था, जहां महिला के पति को दोनों के प्रेम संबंध का पता चला और गुस्से में महिला के पति ने 10 लोगों के साथ मिलकर जगदीश का अपहरण कर लिया और उसे फार्म हाउस ले गए। जहां उसकी बड़ी ही बेहरमी से पिटाई की गई और जब अधमरी हालात में उसे सके घर के सामने फेंक कर चले गए, जिसके बाद हनुमान गढ़ अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
वीडियो के सामने आने के बाद और परिजनों के लगातार न्याय के लिए धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मायावती ने कांग्रेस से पूछे चुभते हुए सवाल
राजस्थान में दलितों के खिलाफ हो रहे अपराधों की सूचि में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसी के साथ इस पर राजनीति भी जारी हो गई है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने सीएम अशोक गहलातों और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हनुमानगढ़ में दलित के साथ हुई घटना बेहद दुखद और निंदनीय है, लेकिन इस घटना पर कांग्रेस आलाकमान ने चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या पंजाब और छत्तीसगढ़ के सीएम वहीं पीड़ितों से मिलने जाएंगे? उन्हें मुआवजा देंगे? अगर वो ऐसा नहीं कर सकते है तो दलितों के नाम पर कांग्रेस को घड़ियाली आंसू बहाना बंद कर देना चाहिए। असल में कांग्रेस सरकार दलितों की रक्षा करने में पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
हालांकि बसपा के हमले ने कांग्रेस ने करारा जवाब देते हुए कहा कि कोई यूपी नहीं है, जहां दलितों के साथ अत्याचार करने वाले को सुरक्षा दी जाती हो और उन्हें कानून से बचाया जाता है। राजस्थान में दलितों के साथ अन्याय करने वाले सलाखों के पीछे होते हैं।
क्यों राजस्थान में बढ़ रहे दलितों के खिलाफ अपराध?
बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद चार आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, लेकिन सवाल ये है कि अगर राजस्थान में दलितों की सुरक्षा को लेकर इतनी मजबूत है कानून व्यवस्था, तो फिर राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ ही क्यों रहे है? और क्यों राज्य सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कुछ कहती नहीं? इस घटना के बाद सूबे में कांग्रेस को लेकर फिर से असंतोष का माहौल पैदा हो रहा है, ऐसे में अब देखना ये है कि किस तरह से कांग्रेस फिर से जनता के बीच अपना विश्वास बनाती है।