ऐसा लगता है कि पुलिस हिरासत में लोगों की मौत की बात अब आम होती जा रही है। अक्सर ही कहीं ना कहीं से ऐसी खबरें सामने आती रहती है, जिस पर सवालिया निशान खड़े होना लाजमी है। अब पुलिस हिरासत में मौत का एक मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज से सामने आया है। कासगंज में बीते दिन एक 22 साल के युवक अल्ताफ की पुलिस लॉकअप में मौत हो गई। जहां एक ओर युवक के परिवारवाले इसका जिम्मेदार पुलिस को बताती हुई नजर आ रही है। वो पुलिस पर अल्ताफ की हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। तो दूसरी ओर पुलिस अपनी सफाई देते हुए कह रही है कि युवक ने टॉयलेट में खुद को फांसी लगा ली। ये पूरा मामला क्या है, आइए इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं…
पुलिस ने इस वजह से लिया था हिरासत में
अल्ताफ कासगंज के नगला सैय्यद का रहने वाला था। वो टाइल लगाने का काम करता था। पुलिस ने उसे एक लड़की को अगवा करने के आरोप में हिरासत में लिया था। दरअसल, एक घर में अल्ताफ ने टाइल लगाने का काम किया, उस घर से एक लड़की गायब हो गई। लड़की के परिजनों ने अल्ताफ पर उसे अगवा करने का आरोप लगाया। जिसके बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया और फिर 9 नवंबर को हिरासत के दौरान ही लॉकअप में अल्ताफ की मौत हो गई।
पिता ने कहा- पुलिस ने की हत्या
अल्ताफ के परिवार के आरोप हैं कि पुलिस ने उसे मार दिया। वहीं पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बताती नजर आ रही है। अल्ताफ के पिता के बताया कि उन्होंने खुद अपने बेटे को पुलिस को सौंपा था। जब वो चौकी आए, तो उन्हें वहां से भगा दिया। इसके 24 घंटे बाद उन्हें पता चला कि उनके बेटे ने हवालात में ही खुद को फांसी लगा दी। पिता पुलिस पर अल्ताफ को फांसी लगाने का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं।
पुलिस ने बताई अलग ही कहानी
वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस की तरफ से अलग ही कहानी बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि युवक ने अपनी जैकेट के हुड में लगी डोरी को नल में फंसाकर खुद का गला घोंटने की कोशिश की। इसके बाद आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर जाया गया, जहां कुछ देर के इलाज के बाद डॉक्टरों ने अल्ताफ को मृत घोषित कर दिया। मामले पर एक एक्शन ये लिया गया है कि लापरवाही बरतने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया।
‘क्या 2 फीट का था आरोपी?’
अल्ताफ की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा ही एक सवाल यूथ कांग्रेस के नेता बीवी श्रीनिवास ने पूछा। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए यूपी पुलिस से सवाल किया कि क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फीट थी? श्रीनिवास ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा- ‘थाने की बाथरूम में लगी नल की टोंटी से लटककर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है उत्तर प्रदेश पुलिस? क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फ़ीट थी?’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में ये मौत का ये पहला मामला तो बिल्कुल भी नहीं है। एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस की हिरासत में मौत के आंकड़े हैरान कनरे वाले है। 3 सालों में 1300 से भी ज्यादा लोगों की हिरासत में मौत हुई। ये देश के कुल मामलों का तकरीबन 23 फीसदी है। NHRC के मुताकिब यूपी में 2018-19 में पुलिस हिरासत में 12 और 452 की मौत न्यायिक हिरासत में हुई। वहीं 2019-20 में पुलिस हिरासत में 3 और 400 मौत न्यायिक हिरासत में हुई। इसके अलावा 2020-21 में पुलिस हिरासत में 8 लोगों की मौत हुई, तो न्यायिक हिरासत में 443 की।