Pune News: महाराष्ट्र के पुणे में सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करने वाली पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) की एक महिला बस कंडक्टर ने उप मुख्य प्रबंधक संजय कुसलकर के कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया। महिला का आरोप था कि कुसलकर ने उससे यौन संबंध बनाने की मांग की थी और इनकार करने पर उसे निलंबित कर दिया गया।
कर्मचारियों के त्वरित हस्तक्षेप से टला हादसा- Pune News
घटना के दौरान महिला ने हताशा में कुसलकर के केबिन में जाकर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया। हालांकि, कार्यालय में मौजूद स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से समय पर उसे रोक लिया गया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। इस घटना ने पीएमपीएमएल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यौन उत्पीड़न के आरोप पर बढ़ा विवाद
महिला कंडक्टर ने आरोप लगाया है कि उप मुख्य प्रबंधक कुसलकर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे और जब उसने उनकी कथित मांगों को मानने से इनकार कर दिया, तो उसे निलंबित कर दिया गया। इस गंभीर आरोप के बाद प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी कार्यालयों में आत्मदाह की बढ़ती घटनाएं
सरकारी दफ्तरों में आत्मदाह की यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते साल उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी एक किसान ने एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। किसान जगबीर, जो अलीपुर मोरना गांव का निवासी था, ने दावा किया था कि वन विभाग ने उसे गलत तरीके से उसकी जमीन से हटा दिया, जिसके विरोध में उसने खुद को आग लगाने की कोशिश की।
आगे की कार्रवाई और जांच
पुणे की इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर पारदर्शी जांच करने का दबाव है। महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में पुलिस और पीएमपीएमएल प्रबंधन द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
महिला कर्मचारियों के खिलाफ कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं न केवल संस्थानों की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि समाज में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ाती हैं। इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर उचित कार्रवाई होना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।