राजस्थान की राजधानी जयपुर में फिरौती के लिए अपहरण करने की एक घटना सामने आई है। जिसमें तीन बदमाशों ने जयपुर के मुहाना इलाके से दो युवकों को अमीर समझकर अपहरण कर लिया। इनमें से एक युवक दलित था। अपहरण के बाद अपहरणकर्ता ने परिजनों को फोन कर एक लाख रुपए की फिरौती मांगी। लेकिन परिवार गरीब था और एक लाख रुपए देने में असमर्थ था। फिरौती की जगह परिजनों ने अपहरणकर्ताओं से मिन्नतें कीं, उन्हें लगा कि अपहरणकर्ता युवकों को गरीब परिवार का समझकर छोड़ देंगे। लेकिन फिरौती की रकम नहीं मिलने से गुस्साए अपहरणकर्ताओं ने दो युवकों की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई से दलित युवक की मौत हो गई जबकि दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
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आरोपी शव को ठिकाने लगाने की तैयारी में थे। वे एक लाख रुपए का इंतजाम नहीं कर पाए और परिजनों ने पुलिस को अपहरण की सूचना भी नहीं दी। घटना के एक दिन बाद क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम के एएसआई महिपाल और देवकरण को मुखबिर के जरिए घटना की सूचना मिली। इन दोनों पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी और अपहरणकर्ताओं का 125 किलोमीटर तक पीछा किया और नीम का थाना पुलिस की मदद से अजीतगढ़ इलाके से तीन बदमाशों को पकड़ लिया।
गरीब युवकों को पैसे वाला समझकर किया किडनैप
जिन दो युवकों का अपहरण हुआ है, उनमें से एक 22 वर्षीय नेमीचंद महावर करौली जिले का निवासी है। नेमीचंद की मौत की खबर पर भाजपा नेता हंसराज मीना ने भी एक लंबी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा, ‘राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे दलित युवक नेमीचंद महावर की बदमाशों द्वारा बेरहमी से पिटाई कर हत्या करने की घटना बेहद दुखद और शर्मनाक है। वह मेरे सपोटरा उपखंड के मगरोल गांव का निवासी था, जो जयपुर में पढ़ाई करने गया था।’
उन्होने राजस्थान की भजनलाल सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप भी लगाया। साथ ही नेमीचंद महावर की हत्या करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की भी मांग की।
वहीं, दूसरा युवक जिसका अपहरण हुआ वह 18 वर्षीय मनीष कुमार बैरवा है जो सवाई माधोपुर का रहने वाला है। वह जयपुर में सब्जी बेचता था।
तीनों आरोपी की पहचान
एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में बूंदी के नैनवा निवासी तुषार उर्फ लिटिल, दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी निवासी आशीष बैरवा और तीसरा आरोपी नीमकाथाना निवासी शंभूदेव वर्मा शामिल है। पूछताछ में इन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि फिरौती नहीं देने पर पकड़े जाने के डर से इनमें से एक ने नेमीचंद महावर की हत्या कर दी थी। दूसरा युवक मनीष बैरवा की भी हत्या करने वाला था। लेकिन पुलिस ने तभी उन्हें पकड़ लिया।
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