Peter Suicide Case: कर्नाटक के हुबली में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 40 वर्षीय पीटर नाम के व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने अपने ताबूत पर एक ऐसी लाइन लिखवाई जो पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश छोड़ गई। पीटर ने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया और अपने ताबूत पर लिखवाया – “MY DEATH IS BECAUSE OF MY WIFE’S TORTURE”। यह घटना बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के 51 दिन बाद सामने आई है, जिसने अपनी मौत से पहले एक वीडियो बनाकर अपनी पत्नी और उसके परिवार को दोषी ठहराया था।
हुबली का ‘अतुल सुभाष’ (Peter Suicide Case)
पीटर की आत्महत्या के बाद उसका शव पहले एक शीशे के बॉक्स में रखा गया, फिर ताबूत तैयार कर उसमें डाल दिया गया। अंतिम विदाई से पहले ताबूत पर बड़े अक्षरों में लिख दिया गया – “MY DEATH IS BECAUSE OF MY WIFE’S TORTURE”। यह पीटर की आखिरी ख्वाहिश थी कि उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी के जुल्मों की कहानी पूरी दुनिया तक पहुंचे।
कैसे हुई पीटर की मौत?
26 जनवरी 2025 को पीटर ने एक सुसाइड नोट लिखा और अपने भाई को एक मैसेज भेजा, फिर अपने घर में फांसी लगा ली। उस वक्त उसका परिवार चर्च में संडे प्रेयर के लिए गया हुआ था। दोपहर 12:30 बजे जब वे लौटे तो उन्होंने पीटर को पंखे से झूलता पाया।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
पीटर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा: “डैडी, आई एम सॉरी। पिंकी मुझे मार रही है। वह मेरी मौत चाहती है। अब मेरा दम घुट रहा है और मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूं। अन्ना, प्लीज पेरेंट्स का ख्याल रखना। – पीटर गोल्लापल्ली 26 जनवरी 2025।”
क्या था पीटर और उसकी पत्नी के बीच विवाद?
पीटर और पिंकी की शादी दो साल पहले हुई थी, लेकिन तीन महीने बाद ही पिंकी पति का घर छोड़कर अपने माता-पिता के पास चली गई थी। पीटर ने उसे कई बार मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं लौटी। धीरे-धीरे यह विवाद कानूनी लड़ाई में बदल गया।
तलाक और 20 लाख का मुआवजा
पिंकी ने पीटर से तलाक के लिए अर्जी दी और 20 लाख रुपये की मांग की। बेरोजगार पीटर के लिए यह रकम देना नामुमकिन था। पिंकी और उसका परिवार उस पर लगातार पैसे के लिए दबाव बना रहे थे और जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। इस मानसिक तनाव में आकर पीटर ने आत्महत्या कर ली।
अतुल सुभाष की तरह पीटर ने भी छोड़ी आखिरी ख्वाहिश
51 दिन पहले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने भी अपनी पत्नी और उसके परिवार को मौत का जिम्मेदार ठहराया था। उसने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाया था, जिसमें अपनी तकलीफ बयान की थी। उसने कहा था कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो उसकी अस्थियां कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। आज 50 दिनों बाद भी अतुल की अस्थियां उसके गांव के मंदिर में रखी हुई हैं, क्योंकि परिवार को अब भी इंसाफ का इंतजार है।