राजधानी दिल्ली में चोरों ने पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति जीसी चटर्जी के पद्म भूषण अवार्ड को चोरी कर लिया, इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत 5 लोगों को हिरासत में लिया है. आरोपी पद्म भूषण अवार्ड को बेचने के लिए ज्वेलर्स की दुकान पर पहुंचे थे. लेकिन संदेह के आधार पर जौहरी ने पुलिस को सूचना दे दी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों की पहचान श्रवण कुमार, हरी सिंह, रिंकी देवी, वेद प्रकाश और प्रशांत विश्वास के रूप में हुई है, यह सभी आरोपी मदनपुर खादर के रहने वाले है. इनमे प्रशांत विश्वास नाम के जौहरी ने यह चोरी का पदक खरीदा था.
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गौरतलब है कि मंगलवार को हरी सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश चोरी का पद्म भूषण बेचने के लिए दिलीप नाम के ज्वेलर्स के पास गए थे, हालांकि दिलीप ने शंका के चलते इसे नही खरीदा, और पुलिस को इसकी सूचना दे दी. ज्वैलर्स की दुकान पर पुलिस के पहुंचने से ही पहले आरोपी वहां से रफू चक्कर हो गए. आनन फानन में पुलिस हरकत में आई और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसीपी सरिता विहार के नेतृत्व में टीम गठित की गई. और घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुटी है.
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों की निशानदेही पर आरोपियों का सुराग हाथ लगा है. इन सभी आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. पुलिस ने दबिश देकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
चोरों के पास से पकड़ा गया अवार्ड
पद्म भूषण चोरी करने वाले आरोपियों ने पूछताछ में बताया की यह पदक साकेत निवासी श्रवण कुमार ने चुराया था. आरोपी श्रवण जीसी चटर्जी के पोते समरेश चटर्जी के मेडिकल असिस्टेंट के रूप में कार्य करता है. वर्तमान में समरेश चटर्जी की तबियत ठीक नही चल रही है, और वह अकेले रहते हैं. इसी बात का फायदा उठा उसने चटर्जी का पद्म भूषण अवार्ड चोरी कर लिया था.
पुलिस अधिकारियों ने मामले का खुलासा करते हुए बताया की श्रवण कुमार ने अवार्ड चुरा कर अपने साथियों को सौंप दिया था. लेकिन सघनता से आरोपियों की तलाश में जुटी कालिंदी कुंज पुलिस ने पकड़ लिया और अवार्ड बरामद कर पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति को सौंप दिया गया है.
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