ओखला में एक बार फिर से खाकी को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक पुलिसवाले ने दीपक नाम के शख्स से उसकी पत्नी के साथ रात गुजारने की मांग की। ऐसा नहीं करने देने पर उसे टॉर्चर किया गया। जिसके बाद दीपक ने परेशान होकर खुदकुशी कर ली।
दरअसल, ओखला से पुलिसवाले की हरकत सामने आने के बाद वर्दी एक बार फिर शर्मसार हो गई है। ओखला फेस 3 की चौकी में तैनात परविंदर दत्ता नाम के पुलिस वाले की बुरी नजर दीपक की पत्नी पर थी। जिसके बाद परविंदर दत्ता ने सभी हदें पार कर दी। दीपक को जबरदस्ती झूठे केस में अंदर कर दिया और छोड़ने के बदले उसकी पत्नी के साथ रात गुजारने की मांग की। साथ ही पत्नी से कई बार बदसलूकी भी की।
दीपक पर लगाया झूठी चोरी का आरोप
ये पूरा मामला 30 जुलाई से शुरु हुआ। दीपक की पत्नी ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में बताया कि परविंदर दत्ता नाम का पुलिसवाला दीपक को झूठे केस में अरेस्ट करके ले गया। जिसके बाद पत्नी जैसे-तैसे पति दीपक को अगले दिन छुड़ा कर लाई। पुलिस वाला 3 अगस्त को फिर फोन की बैटरी चुराने का झूठा आरोप लगाते हुए दीपक को दबोच कर ले गया। जब पत्नी अपने पति दीपक को देर रात छुड़ाने गई, तो धर्मिंदर सिंह नाम के दूसरे पुलिस वाले ने पत्नी से बत्तमीजी से बात की। साथ ही कहा कि ”तू मेरा काम निकाल, मैं तेरा काम निकालूंगा।” इसके अलावा 20,000 रूपये की मांग भी की। पुलिस वाले की बात न मानने पर दीपक की बेरहमी से पिटाई की।
वीडियो में दीपक ने बताई आपबीती
महिला ने आगे बताया कि छोड़ने के बदले पुलिसवाले ने दीपक से पत्नी को उसके पास भेजने की बात कही थी। ये बात दीपक से बर्दाश्त नहीं हुई और हताश होकर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फांसी लगाने से पहले पति दीपक ने एक वीडियो भी बनाया। वीडियो में दीपक ने आपबीती रिकॉर्ड की और हत्या के लिए उकसाने का आरोप पुलिसवाले परविंदर दत्ता और धर्मिंदर सिंह पर लगाया।
पुलिसवाले ने पत्नी संग की थी रात गुजारने की मांग
वीडियो में दीपक ने बताया कि झूठे केस में छोड़ने के लिए पुलिसवाले ने पत्नी संग रात गुजारने की मांग की थी। इसके अलावा पुलिसवाले पत्नी के साथ अक्सर बदतमीजी भी किया करते थे। जिससे परेशान होकर उसे खुद को खत्म करने जैसा कदम उठाना पड़ा।
महिला ने केस दबाने की कोशिश का लगाया आरोप
बता दें कि महिला द्वारा थाने में केस दर्ज कराने के बावजूद पुलिस वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। महिला का आरोप है कि मुजरिम खुद कानून के रक्षक के नकाब में भक्षक बनकर घूम रहे है, जिसकी वजह से ये केस दबाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में जनता जहां पुलिस वालों को अपना रक्षक मानती है क्या उन पर भरोसा कर पाएगी? खाकी वर्दी पर ये बहुत बड़ा सवाल है।