दहेज…सदियों से चली आ रही ये कुप्रथा हमारे समाज में आज भी एक दाग की तरह बनी हुई है । हमारे समाज में ना जाने ऐसी आज भी कितनी ही महिलाओं होगीं, जो दहेज की वजह से प्रताड़ित होती हैं। बीते दिनों अहमदाबाद से आयशा का सुसाइड केस जो सामने आया था, वो तो आपको याद होगा है। कैसे दहेज की वजह से परेशान एक महिला ने हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया था। उस मामले ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था, जिसके बाद दहेज के खिलाफ एक बार फिर से खुलकर आवाज उठने लगीं।
लेकिन आखिर में हुआ क्या? कुछ दिन बीते और लोग उस मामले को भूल गए। आयशा के मामले के बाद भी कुछ नहीं बदला। सबकुछ पहले जैसा ही है। इसके बाद भी ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनको दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।
ओडिशा का है मामला
अब दहेज से प्रताड़ना का हिलाकर रख देने वाला एक मामला ओडिशा से सामने आया है। जहां 24 साल की एक महिला को नग्न कर पूरे गांव में घुमाया गया। यही नहीं इस दौरान महिला को लाठी डंडों से पीटा भी गया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
दहेज का बना रहे थे दबाव
ये मामला है ओडिशा के केंद्रपारा जिले (Kendrapara District) के कोरुक गांव का है। खबरों के मुताबिक ससुरालवाले लगातार पीड़ित महिला पर दहेज को लेकर दबाव बना रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर महिला को प्रताड़ित किया गया था। शनिवार को ये मामला संज्ञान में आया था। महिला के चाचा ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई थीं। उन्होनें बताया कि ससुरालवालों ने बेदर्दी से नग्न कर महिला की पिटाई की।
चाचा ने दर्ज कराई शिकायत
वहीं चाचा की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। वहीं पीड़ित महिला का भी बयान दर्ज हो चुका है। निकिराई पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर काबुली बारिक के मुताबिक जब महिला के साथ ससुरालवाले मारपीट कर रहे थे, तो कुछ स्थानीय लोगों ने मामले में हस्तक्षेप कर महिला को बचाने की भी कोशिश की, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
इंस्पेक्टर बारिक ने बताया कि इस घटना के बाद महिला के ससुरालवाले गांव से भाग गए। उनको पकड़ने के लिए एक विशेष दल का गठन किया गया है। पुलिस ने मामले के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिया है।
इस तरह के मामले ना सिर्फ परेशान करते हैं, बल्कि कई बातें भी सोचने को मजबूर कर देते हैं। भले ही आज हम कितना भी आगे बढ़ने, न्यू इंडिया के लाखों-करोड़ों दावे कर लें, लेकिन क्या जब तक हमारे देश की महिलाओं पर इस तरह से अत्याचार होता रहेगा, तब तक क्या हम आगे बढ़ पाएंगे? आखिर कब महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को गंभीरता से लिया जाएगा? कब महिलाओं को ऐसी कुप्रथा से छुटकारा मिलेगा?