पुलिस जनता की सेवक होती है। जनता के कल्याण और जनता की सुरक्षा के लिए काम करती है, लेकिन जनता के रक्षक ही अब जनता के भक्षक बन गए हैं। दरअसल, ओडिशा पुलिस का एक खौफनाक चेहरा जनता के सामने आया है। जिसके बाद हर आम नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि अगर पुलिस के जवान उनके साथ ऐसा व्यवहार करेंगे तो वो कैसे सुरक्षित रहेंगे। यहां मामला सेना के अधिकारी की महिला मित्र से जुड़ा है, जिसे भुवनेश्वर में पुलिस के साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला ने गुरुवार को दावा किया कि हिरासत में लेने के बाद उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया।
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14 सितंबर की है घटना
यह घटना तब हुई जब वह 14 सितंबर को घर लौटते समय बदमाशों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने भरतपुर थाने गई थी। लेकिन शिकायत लिखने की बजाय पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया। महिला ने जो कहानी बताई वह हैरान करने वाली है। सेना के अधिकारी की मंगेतर ने पुलिस पर न केवल उसके हाथ-पैर बांधने बल्कि उसे पीटने का आरोप लगाया है, बल्कि ये भी दावा किया है कि पुलिस ने उसके साथ बलात्कार करने की धमकी भी दी।
मुझे पुलिस थाने में हाथ-पैर बांधकर रखा गया. कुछ देर बाद एक पुलिस वाला आया और मेरी ब्रा उतार दी. वो मेरे ब्रेस्ट पर किक मार रहा था.
मैं मदद के लिए चिल्ला रही थी… बहुत चिल्ला रही थी.
फिर एक पुलिस का अधिकारी आया, उसने मेरी पैंट उतारी, अपनी भी पैंट उतारी और अपना पीनस निकालकर बोला…
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) September 20, 2024
हाईकोर्ट ने दी जमानत
पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई महिला के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने गुरुवार को पीड़िता को जमानत दे दी। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद ओडिशा पुलिस ने भरतपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
पीड़ित महिला ने सुनाई अपनी आपबीती
आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने बताया, ‘जब हम भरतपुर थाने पहुंचे तो वहां सिविल ड्रेस में एक महिला कांस्टेबल मौजूद थी। हमने कांस्टेबल से एफआईआर दर्ज करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए गश्ती वाहन भेजने का अनुरोध किया। लेकिन हमारी मदद करने के बजाय महिला कांस्टेबल ने हमारे साथ बदसलूकी शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद कुछ और पुलिसकर्मी भी थाने पहुंचे और सेना के अधिकारी से शिकायत दर्ज करने को कहा।‘
आर्मी ऑफिसर को डाला लॉकअप में
महिला ने आगे कहा, ‘पुलिसवाले किसी बात पर नाराज़ हो गए। उन्होंने मेरे मंगेतर (सेना अधिकारी) को लॉकअप में डाल दिया। मैंने पुलिसवालों से कहा कि यह अवैध है, पुलिस सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकती। जैसे ही मैंने यह कहा, दो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया। जब उन्होंने मेरी गर्दन पकड़ने की कोशिश की, तो मैंने उनके हाथ पर काट लिया।’
सीने पर मारीं एक के बाद एक लातें
यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाते हुए महिला ने एजेंसी को बताया, ‘मेरी पिटाई करने के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने मेरे हाथ-पैर बांध दिए और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक पुरुष पुलिसकर्मी ने दरवाजा खोला। उसने एक के बाद एक कई बार मेरी छाती पर लात मारी। उसने मेरी पैंट उतार दी। इसके बाद पुलिसकर्मी ने अपनी पैंट उतारी और मुझे अपने प्राइवेट पार्ट्स दिखाने लगा। पुलिसकर्मी ने मुझसे पूछा कि तुम कब तक चुप रहना चाहती हो?‘
इसके अलावा महिला ने पुलिसकर्मी पर दुष्कर्म की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। आपको बता दें कि आर्मी अफसर की मंगेतर वकील और उद्यमी हैं। उनके पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर हैं।
क्राइम ब्रांच ने शुरू की केस की जांच
घटना की जांच डीएसपी नरेंद्र कुमार बेहरा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की पांच सदस्यीय टीम कर रही है, जो भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंची। चार घंटे से अधिक समय तक टीम ने कर्मचारियों से पूछताछ की। लेकिन जांच में कुछ दिक्कतें आईं। दरअसल, पूछताछ के लिए आईआईसी दीनकृष्ण मिश्रा मौजूद नहीं थे और पुलिस स्टेशन में कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था।
घटना पर अब तक लिए गए ये एक्शन
– भरतपुर पुलिस स्टेशन ने पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में आईआईसी दीनकृष्ण मिश्रा, सब इंस्पेक्टर बैसलिनी पांडा, एएसआई सलिलामयी साहू, सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा शामिल हैं।
– डीजीपी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है, जिस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। डीजीपी को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगने का औपचारिक पत्र मिला है। इन पुलिस अधिकारियों से संबंधित जांच की गई है। ओडिशा पुलिस ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सीआईडी इस मामले की जांच करेगी।
– सेना के उच्च अधिकारियों ने ओडिशा के डीजीपी और प्रशासन से इस मुद्दे पर चर्चा की है। सेना के अनुसार, किसी सक्रिय सैन्य अधिकारी को निकटतम सैन्य इकाई को सूचित किए बिना हिरासत में लेना कानून के विरुद्ध है।