शरीर का क्या रंग है…क्या ये आपके लिए मायने रखता है? शायद
रखता होगा…क्योंकि आज भले ही हम कितना भी आगे क्यों ना बढ़ गए हो..हम कितना भी
क्यों ना ये कह लें कि हम काफी एडवांस हो चुके है। लेकिन आज ही हमारे समाज में कई
ऐसे लोग है, जो गोरे रंग को काफी महत्व देते हैं। आज भी सांवले और काले रंग के
लोगों को कई तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। किसी के रंग पर टिप्पणी
उसको किस तरह से अंदर तक आहत करती है…इसका एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा
से सामने आया।
15वीं मंजिल से कूदकर दी जान
नोएडा के सेक्टर 49 में 17 साल के लड़के ने सांवलें रंग की
वजह से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। उसने सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर
अपनी जान दे दीं। मॉर्किंग वॉक पर गए लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद
शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
इस दौरान पुलिस को लड़के के परिवारवाले ने बताया कि उनका
बच्चा सांवले रंग की वजह से तनाव में रहा करता था। उसको ये समझाया भी गया कि रंग
वगैरह से कोई भी फर्क नहीं पड़ता। लेकिन वो फिर में इसके चलते डिप्रेशन में चला
गया और इसी दौरान सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठा लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार तड़के 17 साल के संयम ने
आत्महत्या की। सुबह जब लोग मॉर्किंग वॉक पर निकले तो इस मामले की जानकारी मिली,
जिसके बाद सूचना पुलिस को दी गईं। संयम के रूम से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
सांवले रंग पर कमेंट से था परेशान
थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने मुताबिक सेक्टर 142 स्थित
मोबाइल कंपनी में प्रशांत गढिया नौकरी करते थे। वो अपने परिवार के साथ महागुन
मॉडर्न सोसाइटी में रहते हैं। उनका बेटा संयम शहर के एक नामी स्कूल में 11वीं
क्लास में पढ़ता था। शनिवार तड़के 4:30 बजे संयम ने
सोसाइटी की 15वीं मंजिल से
कूदकर सुसाइड कर ली।
थानाध्यक्ष ने कहा कि बच्चा पढ़ने में अच्छा था और वो
मिलनसार भी था। वो अपने रंग की वजह से अक्सर परेशान रहता था। उसके सांवले रंग को
लेकर किसी ने कमेंट कर दिया था। पहले भी छात्र ने इस तरह का कदम उठाने की कोशिश की
थीं। वो इस दौरान भी काफी तना में था। फिर माता पिता ने उसे समझाया। इस बात को
लेकर वो अक्सर ही परेशान रहा करता था। परिजन उसको समझाते रहते थे। लेकिन अब अंत
में आकर संयम ने ये बड़ा कदम उठा ही लिया।