प्रयागराज में नेहा पांडेय नाम की लड़की सड़कों पर भटक रही है और अपनी गुमशुदा बहन अंकिता पांडेय को ढूंढ रही है। तलाश जारी रखने के लिए उसने अपनी नौकरी तक छोड़ दी है। इतना ही नहीं एक साल पहले नेहा के पिता की किडनी फेल हो गई थी और उनकी जान बचाने के लिए नेहा की मां ने अपनी किडनी डोनेट की थी। फिर भी उनकी मौत हो गई। जब पिता की मौत हुई तो उसकी बहन अंकिता पांडेय अस्पताल से ही गायब हो गई। एक तरफ पिता की मौत का गम तो दूसरी तरफ बहन के लापता होने का दर्द। नेहा को पिता की मौत पर दो आंसू बहाने का भी मौका नहीं मिला और वो अपनी बहन की तलाश में निकल पड़ी। बहन की तलाश करते-करते उसे एक साल हो गया लेकिन अंकिता का कोई सुराग नहीं लगा है। अब नेहा ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
और पढ़ें: नौकरी के नाम पर 200 महिलाओं के साथ हो रहा यौन शोषण, बिहार में चलाया जा रहा ‘अय्याशी गैंग’
ये पूरी घटना यूपी के प्रयागराज की है। यहां अंबेडकर नगर की रहने वाली नेहा पांडेय एक साल से प्रयागराज में अपनी बहन अंकिता को तलाश रही हैं। वो थानों और कोर्ट के चक्कर लगा रही हैं। सीएम योगी का जनता दरबार हो या अफसरों से मुलाकात, हर जगह से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। नेहा का कहना है कि, ‘एक साल पहले एक तरफ मेरे पिता की लाश पड़ी थी, दूसरी तरफ मेरी बहन लापता थी। वो प्रयागराज की गलियों को भी नहीं जानती थी। वो पहली बार यहां आई थी। मेरी बहन कहां है? किस हालत में है? जिंदा है या मर गई? एक बात तो बताओ। मुझे मेरी बहन चाहिए।’
नेहा पांडेय ने अपनी नौकरी छोड़ दी। प्रयागराज की गली-गली में घूम रही हैं। इस ग़रीब परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इन्हें सुनिए। इनकी माँ ने इनके पिता को बचाने के अपनी किडनी दे दी। फिर भी उनकी मौत हो गई। जब पिता की मौत हुई तब वहीं हॉस्पिटल से ही इनकी बहन अंकिता पांडेय ग़ायब… pic.twitter.com/mtW7N0NG8Q
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) June 17, 2024
ये है पूरा मामला
अंबेडकर नगर के थाना भीटी क्षेत्र में चंदापुर गांव आता है। यहां पर राममुनि पांडेय का घर है। राममुनि पांडेय पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे और उनके चार बच्चे हैं- तीन बेटियां- कविता, नेहा, अंकिता और एक बेटा श्याम। सबसे बड़ी बेटी कविता की शादी हो चुकी है। नेहा स्कूल में पढ़ाती थी। अंकिता हैदराबाद में नौकरी करती थी। 17 साल पहले जब उनकी किडनी खराब हो गई तो उनकी पत्नी सुनीता ने अपनी एक किडनी दान कर ट्रांसप्लांट कराया था। कुछ समय तक सब कुछ सामान्य रहा। 3 जुलाई 2023 को राममुनि की तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजन पहले उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां से प्रयागराज रेफर कर दिया गया।
नेहा ने अपनी बहन अंकिता से कहा कि उसके पिता की तबीयत बहुत खराब है। अगले दिन 4 जुलाई को नेहा भी प्रयागराज पहुंच गई। 5 जुलाई की शाम करीब 5 बजे राममुनि की मौत हो गई। इस घटना के करीब आधे घंटे बाद जब परिजनों ने अंकिता को फोन किया तो वह कहीं नजर नहीं आई। उसे प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) से 100 मीटर दूर आखिरी बार देखा गया था। तब से उसकी तलाश की जा रही है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
अंकिता की गुमशुदगी का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। भाई श्याम पांडेय ने इसी साल 30 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने प्रयागराज पुलिस से जांच रिपोर्ट मांगी है। मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।
और पढ़ें: भाभी संग शादी के सपने देख रहे थे बड़े भाई लेकिन शादी हो गयी छोटे भाई से, जलन में आकर कर डाली हत्या