Naxalite Jairam Reddy: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपये के इनामी और नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी के सदस्य जयराम उर्फ चलपति का नाम प्रमुख है। यह घटना नक्सली गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता के रूप में देखी जा रही है।
चलपति: एक कुख्यात नक्सली नेता- Naxalite Jairam Reddy
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव का रहने वाला जयराम रेड्डी, जिसे नक्सली संगठन में रामचंद्र रेड्डी अप्पाराव या रामू के नाम से भी जाना जाता था, लंबे समय से नक्सली नेटवर्क का प्रमुख हिस्सा था। केवल 10वीं तक पढ़ाई करने वाले चलपति ने नक्सली गतिविधियों में शामिल होकर कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड बनने तक का सफर तय किया।
उसकी मौत से नक्सली संगठन को एक बड़ा झटका लगने की संभावना है। सुरक्षाबलों के लिए जयराम जैसे नेताओं का पता लगाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि वे दुर्गम जंगलों और पहाड़ी इलाकों में छिपे रहते हैं।
अबूझमाड़ से गरियाबंद तक का सफर
अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों की बढ़ती कार्रवाई के चलते कई नक्सली नेताओं को अपना ठिकाना बदलने पर मजबूर होना पड़ा। इसी क्रम में जयराम ने भी अपना ठिकाना बदलकर गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर शरण ली थी। यह क्षेत्र नक्सलियों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
सुरक्षा और हथियारों से लैस था चलपति
चलपति अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहता था। वह हमेशा एके-47 और एसएलआर जैसे आधुनिक हथियारों से लैस रहता था और उसकी सुरक्षा में 8-10 गार्ड तैनात रहते थे। अबूझमाड़ जैसे क्षेत्र में सक्रिय रहने के बावजूद, सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और आखिरकार इस अभियान को अंजाम दिया।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। इनमें एक एसएलआर, आईईडी, और अन्य विस्फोटक उपकरण शामिल हैं। इन हथियारों का उपयोग नक्सली अपने हमलों को अंजाम देने के लिए करते थे।
सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम
यह अभियान खुफिया सूचनाओं के आधार पर छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व वन क्षेत्र में चलाया गया। यह इलाका ओडिशा सीमा से महज पांच किलोमीटर दूर है। इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), छत्तीसगढ़ के कोबरा और ओडिशा के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के सुरक्षाकर्मियों ने मिलकर हिस्सा लिया।
नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
जयराम का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। वह छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था और उसकी मौत नक्सली संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है।
गरियाबंद की यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षाबलों की एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में निर्णायक मोड़ भी साबित हो सकती है। चलपति जैसे कुख्यात नक्सली का खात्मा क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में एक अहम कदम है।